नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग 2025 से पहले गवर्निंग काउंसिल ने रिटेंशन, राइट टू मैच और ऑक्शन के लिए नए नियम तय किए हैं। यह नियम आईपीएल 2025 से 2027 के लिए प्रभावी रहेंगे। इन नियमों में सबसे खास है विदेशी खिलाड़ियों की सैलरी को लेकर। क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक अब विदेशी खिलाड़ियों की सैलरी तय हो गई है। यानी अब उन पर बड़ी की बोली नहीं लग पाएगी। ऐसे में आइए समझते हैं क्या है विदेशी खिलाड़ियों की सैलरी को लेकर नया नियम।
गवर्निंग काउंसिल के नियम मुताबिक इस मेगा ऑक्शन में सबसे महंगे रिटेंशन का ब्रैकेट 18 करोड़ का है। इसका मतलब ये की कोई फ्रेंचाइजी 18 करोड़ से ज्यादा देकर किसी भी खिलाड़ी को रिटेन नहीं कर पाएगी। इसके अलावा मेगा ऑक्शन में जिस भी भारतीय खिलाड़ी पर सबसे बड़ी बोली लगेगी उससे ज्यादा पैसा आईपीएल 2026 के मिनी ऑक्शन में किसी भी विदेशी खिलाड़ी को नहीं मिल सकती है।
विदेशी प्लेयर की सैलरी को तय करने के लिए गवर्निंग काउंसिल ने जो नियम बनाए हैं, उसके मुताबिक 18 करोड़ अधिकतम सैलरी हो सकती है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी खिलाड़ी पर मेगा ऑक्शन में 16 करोड़ की बोली लगती है, तो विदेशी प्लेयर को 16 करोड़ से ज्यादा पैसे नहीं मिल पाएंगे। क्योंकि रिटेंशन से ऑक्शन की प्राइस कम है। दूसरी स्थिति ये है की अगर मेगा ऑक्शन में किसी भारतीय खिलाड़ी पर 20 करोड़ की बोली लग गई तो ऐसी स्थिति में विदेशी खिलाड़ी को 18 करोड़ ही मिलेंगे। यानी रिटेंशन यहां पर ऑक्सन से कम हो रहा है। यानी अब कोई भी विदेशी खिलाड़ी अधिकतम 18 करोड़ से ज्यादा किसी हाल में नहीं पा सकता है।
ऐसा नहीं है की विदेशी प्लेयर पर 18 करोड़ से ज्यादा की बोली नहीं लगाई जा सकती है। अगर दो टीमें किसी विदेशी खिलाड़ी के लिए 18 करोड़ से ऊपर जाकर बोली लगाती है तो ऐसी स्थिति के लिए भी नियम तय किए गए हैं। उदाहरण के लिए किसी विदेशी खिलाड़ी पर 25 करोड़ की बोली लगाई गई। जिस भी टीम ने ये बोली लगाई उसके पर्स से 25 करोड़ कम हो जाएंगे, लेकिन खिलाड़ी को सिर्फ 18 करोड़ ही दिए जाएंगे।
मेगा ऑक्शन में विदेशी खिलाड़ी को रजिस्टर करना होगा जरूरी
विदेशी खिलाड़ियों के लिए एक और महत्वपूर्ण नियम है कि उसे मेगा ऑक्शन के लिए खुद को रजिस्टर कराना होगा। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो वह आईपीएल 2026 के लिए मिनी ऑक्शन में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। वहीं अगर कोई खिलाड़ी ऑक्शन में बिकने के बाद अपना नाम वापस लेता है तो ऐसी स्थिति में उसे आईपीएल से तीन साल के लिए बैन कर जाएगा। चोट की स्थिति में वह ऐसा कर सकते हैं, लेकिन उसके लिए भी उसे अपने बोर्ड से क्लीयरेंस देना होगा।