बिलासपुर । जंगल मे आग के शोले उठ रहे है और आग निरंतर बढ़ते जा रही है। लेकिन कोई अफसर सुबह से लेकर अभी तक यहां नही पहुचा है। मात्र दो वन कर्मी 2 किलोमीटर तक फैली आग को बुझाने की जिम्मेदारी आपडी है। आग के मुकाबले ये काम उनके बुते का नही है।
आग सुबह से लगी हुई है जो दिन होने के कारण दिखाई नही दे रही थी लेकिन उसका धुवा शिवतरी से बारीघाट तक फैला हुआ था। संधया होते ही सड़क से करीब आधा किलोमीटर दूर तक आग फैली सड़क से दिखाई दे रही है। आग की प्रचंडता इतनी तीव्र है कि बॉस या पेड़ के तड़ ताडऩे की आवाज सड़क तक सुनाई दे रही थी। खोजने र्प पता लगा कि सड़क के किनारे एक कैंप दो वनकर्मी मिले उनमे एक आग की भयविता से विचलित हो कर गुड़ाखु घिस रहा रहा। आग कब लगी यह पूछने पर वो भीतर घुस गया बडे समझने के बाद बाहर निकल और बताया हम दो लोग क्या कर सकते थे कोशिश की फायर लाइन बना दी जाए ताकि आग दूसरी ओर न जा पाये लेकिन असफल रहे।
सम्भवत: यह कर्मी वन विकास निगम का था। वह बहुत डरा हुआ था जब उससे पूछा गया कि कोटा या बिलासपुर से कोई अफसर आये थे? उसने जवाब दिया नही आये और पता भी चल जाये तो क्या कर लेंगे। जंगल जल जल रहा है आग फैल रही है दूर पर्वत र्प आग ले शोले भड़क रहे है मगर वनवीभग का सिस्टम ऐसा नही की आग बुझाने के लिए यहाँ युद्ध स्तर पर काम करता और हरियाली के खुले खजाने को जलने से बचा लेता फायर पोटेक्शन वर्क भी अगर सही तरीके से हुए होते तो आग का दायर इतना अधिक नही होता। अब दशा यह है कि सर्वभक्षी दावा नल तब तक भड़कते रहेगा जब तक जंगल की सीमा खत्म नही होती।