वॉशिंगटन । वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना के घातक वायरस से अभी पूरी तरह निजात नहीं मिल सकी है। वैज्ञानिक कोरोना वायरस के कुछ और नए घातक वेरिएंट के भी आने की चेतावनी दे चुके हैं। कोरोना वायरस का वेरिएंट ओमिक्रॉन भी काफी जानलेवा साबित हुआ है।
इसने दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोगों की जान ली है। वहीं भारत समेत अन्य देशों में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण का अभियान भी चल रहा है। इस बीच एक शोध में दावा किया गया है कि मौजूदा एमआरएनए कोरोना वैक्सीन की चौथी डोज युवाओं और स्वस्थ लोगों का मामूली रूप से ही बचाव कर सकती है।
इस शोध को इजरायल के तेल अवीव में स्थित शेबा मेडिकल सेंटर में किया गया है। इसमें 270 ऐसे हेल्थकेयर वर्कर्स शामिल किए गए जिन्होंने फाइजर वैक्सीन की तीन डोज ले ली थीं और चौथी डोज यानी बूस्टर डोज भी लगवा ली हैं।
इनमें प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी को उम्र के हिसाब से दो ऐसे प्रतिभागियों के समूह में रखा गया था, जिन्होंने फाइजर वैक्सीन की तीन डोज ली थीं। इनमें 50 से 65 साल तक के लोग भी शामिल थे। इस शोध में पाया गया कि वैक्सीन की चौथी डोज पूरी तरह से सुरक्षित है। इससे लोगों की एंटीबॉडी में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई।
इजरायल में यह अध्ययन तब हुआ था, जब वहां ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले काफी अधिक थे। जिन लोगों ने वहां फाइजर वैक्सीन की चौथी डोज लगवाई थी। उन लोगों में कोरोना संक्रमण होने का खतरा 30 फीसदी तक कम हो गया था। जबकि जिन लोगों ने मॉडर्ना वैक्सीन लगवाई थी उनमें यह 18 फीसदी कम रहा।
गिली रेजेव योचे के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने लिखा है कि जिन लोगों को वैक्सीन की तीन डोज लगी थीं। उनमें इम्युनिटी रिस्पांस अधिक था और उन्हें चौथी डोज लगने के बाद इससे इम्युनिटी फिर से ठीक हो गई।