मॉस्को: रूस ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, यूएनएससी में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है। भारत के पुराने और भरोसेमंद सहयोगी रूस की ओर से कहा गया है कि इंडिया और ब्राजील की स्थायी सीटों की मांग जायज है और वह इसका पूरी तरह समर्थन करता है। संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थायी प्रतिनिधि गेन्नेडी गैटिलोव ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों की बात की जा रही है। ऐसे में भारत को भी उचित स्थान दिलाने के लिए हम बड़ा प्रयास कर रहे हैं। गैटिलोव ने आगे कहा कि यूएनएससी की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के प्रतिनिधित्व का विस्तार करना आवश्यक है। अगर विस्तार करने का निर्णय लिया जाता है तो ब्राजील और भारत मजबूत उम्मीदवार हैं। हम इन दोनों देशों को स्थायी सदस्य बनाने के समर्थन में रहेंगे।
रूस की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता को लगातार समर्थन दिया जाता रहा है। कई मौकों पर रूस की ओर से साफतौर पर कहा गया है कि यूएनएससी में भारत को भी स्थायी सदस्य बनाया जाना चाहिए क्योंकि भारत एशिया की एक अहम ताकत है। बीते साल रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक के दौरान कहा था कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत का समर्थन करता है।
भारत की सदस्यता में चीन लगाता रहा है अड़ंगा
भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता पर चीन का रुख सकारात्मक नहीं रहा है। सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में अकेला चीन ही ऐसा देश है, जिसने अभी तक भारत की सदस्यता को लेकर हामी नहीं भरी है। बाकी के चार सदस्यों- अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस कई बार भारत की सदस्यता को लेकर सहमति दे चुके हैं। रूस तो बहुत मजबूती से भारत के साथ खड़ा होता रहा है। ऐसे में अगर कभी सुरक्षा परिषद का विस्तार होता है तो बाकी चार सदस्यों का समर्थन भारत को मिलने की उम्मीद है लेकिन चीन वीटो का इस्तेमाल कर भारत को स्थायी सदस्य बनने से रोक सकता है। चीन एशिया और विश्व में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए भारत को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने से रोकने की कोशिश में लगा है।