नई दिल्ली : गोवा बार्ज ऑनर्स एसोसिएशन ने केंद्र एवं राज्य की सरकारों से खनन पर प्रतिबंध के कारण हुए नुकसान की भरपाई और राज्य के आम लोगों के जीवन को बेहतर एवं कर्जमुक्त करने की अपील की है। बार्ज ऑनर्स एसोसिएशन ने एसएमई इंडस्ट्री को पुन: निखारने और पूरी वैल्यू चेन के अंतर्गत खनन पर निर्भर लोगों की आजीविका की रक्षा के लिए खनन गतिविधियों को तत्काल प्रारंभ कराने की अपील की है। पिछले 30 महीने में नौका मालिकों को 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है और किस्तें नहीं चुका पाने के कारण कर्ज का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
खदानों से बंदरगाह तक लौह अयस्क की आवाजाही के लिए अनूठे लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर वाला गोवा अपनी तरह का इकलौता राज्य है। यहां निर्यात के लिए पूरा कार्गो बार्ज (बड़े आधार वाली नौका) के जरिये जलमार्ग से लाया जाता है। परिवहन के लिहाज से यह सबसे किफायती और पर्यावरण के अनुकूल माध्यम है। परिवहन की पूरी प्रक्रिया में ट्रक, जेटी और नौका का क्रमश: इस्तेमाल होता है। लौह अयस्क के खनन ने राज्य में ट्रकर्स, मशीन कॉन्ट्रेक्टर और नौका मालिकों के सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम (एसएमई) स्थापित कर दिए हैं। अपने कारोबार को शुरू करने और आजीविका के लिए एसएमई विभिन्न सरकारी एवं निजी बैंकों तथा को-ऑपरेटिव से लोन लेते हैं। मार्च, 2018 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य में अचानक खनन गतिविधियां रुक जाने से ये छोटे कारोबार और उनकी तमाम परिसंपत्तियां जस की तस पड़ी पिछले 30 महीने से जंग खा रही हैं। इस समय ये सभी कारोबारी और इनके परिवार एक अंधेरे भविष्य का सामना कर रहे हैं, क्योंकि खनन प्रारंभ कराने को लेकर सरकार की ओर से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं मिल पा रहा है। कर्ज देने वाले बहुत से संस्थान भी अब उन्हें प्रताड़ित करने लगे हैं। कई नौका मालिकों ने अपनी निजी संपत्तियां तक बेच डाली हैं और अब कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं हैं।
सरकार से अपील करते हुए गोवा बार्ज ऑनर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट श्री अतुल जाधव ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट की ओर से खनन पर प्रतिबंध के पहले राज्य में 304 नौकाएं थीं। आज इनमें से केवल 105 बची हैं और रखरखाव के लिए पैसा नहीं होने के कारण ये नौकाएं भी खराब हो रही हैं। 1300 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाले इस उद्योग से जुड़े लोग आज की तारीख में अपने परिवार को दो वक्त की रोटी भी देने में सक्षम नहीं रह गए हैं। हम केंद्र एवं राज्य सरकार से आग्रह करते हैं कि राज्य में खनन गतिविधियां तत्काल प्रारंभ कराएं ताकि हमारे उपकरण काम में आ सकें और हमसे जुड़े कर्मचारियों की आजीविका चल सके।'
गोवा में खनन ने ट्रकर्स, मशीन कॉन्ट्रेक्टर और नौका मालिकों के सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम (एसएमई) स्थापित करने में मदद की है। लेकिन खनन पर प्रतिबंध से ट्रक और नौका मालिक बैंक कर्ज में डूब गए हैं। खनन एवं इससे संबंधित परिवहन और मोबिलिटी इंडस्ट्री (मैकेनिक्स, गैराज, मैंटेनेंस, ड्राइवर और सपोर्ट स्टाफ समेत) ने 25,000 से ज्यादा ट्रक, मशीनरी, नौका बनाने की पूरी इंडस्ट्री को जोड़ा हुआ है। बड़ी संख्या में कामगार इनसे जुड़े हैं। इन क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था पर इनका व्यापक प्रभाव पड़ता है और राज्य में परोक्ष रूप से इस क्षेत्र में 1.5 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है।