रायपुर। राज्य शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के दिशा में कारगर कदम उठाए जा रहे है और महिलाओ की सामाजिक-आर्थिक दशा सुधारने और उन्हें तकनीकी रूप से अधिक सक्षम तथा कुशल बनाने के लिये अनेक कार्यक्रम और योजनाएँ चलाई जा रही है। प्रदेश की ग्रामीण अंचल की महिलाएं स्व-सहायता समूह से जुड़कर सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान की मिसाल कायम कर रही है। विकासखंड तिल्दा मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत कोहका के नवज्योति महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी के अन्तर्गत ग्राम के गोठान में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण का कार्य कर रही है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती उषा कुर्रे ने बताया कि उनके समूह द्वारा वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण जनवरी 21 से किया जा रहा है।इस दौरान कोविड़-19 के कारण लॉकडाउन भी रहा।बीते 6 महीनों में उन्होंने 36 हज़ार 900 किलो वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण कर बेच चुकी है।वर्मी कम्पोस्ट को 3 लाख 69 हज़ार रुपए में बेचने से पर्याप्त रूप से आमदनी हुई है। यह राशि उनके आर्थिक विकास के साथ साथ बच्चों के पढ़ाई- लिखाई में करने के लिए सार्थक साबित हो रही है।
समूह की अन्य सदस्य श्रीमती सत्यभामा और श्रीमती उर्मिला जांगड़े ने कहा कि गोधन न्याय योजना लोगों के जीवन में आमदनी का सशक्त माध्यम बन गया है। एक तरफ गोबर की बिक्री से पशुपालकों को आय हो रहा है। वहीं दूसरी ओर गौठान में कार्य कर रही महिला समूहों को आय के नये स्त्रोत मिल रहे हैं। महिला समूह वर्मी खाद बनाने के साथ ही केंचुआ का पालन कर विक्रय कर रही है।स्थानीय स्तर पर महिलाओं के लिए नियमित आमदनी का जरिया निर्मित करने के लिए उन्होंने सरकार का धन्यवाद दिया है ।