पहले रामप्यारे की समस्या का निराकरण ग्राम सभा की बैठक में हुआ, जहां उन्होंने अपने खेतों में महात्मा गांधी नरेगा के तहत एक डबरी बनाए जाने का आवेदन प्रस्तुत किया। उनके आवेदन के आधार पर ग्राम सभा ने डबरी बनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया और ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाया और डबरी का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया। इसमें अकुशल मजदूरी करके इस परिवार को सौ दिवस का रोजगार भी प्राप्त हुआ। डबरी बन जाने के बाद रामप्यारे बताते हैं कि सब्जी लगाकर वह लगभग 20 हजार रुपए की आमदनी ले चुके हैं और इस बार उनके खेतों में समय पर धान की रोपाई का काम पूरा हुआ है। डबरी में पर्याप्त पानी होने के कारण वह इसमें अगले साल से मछली पालन करने की योजना बना रहे हैं। रामप्यारे के अनुसार लगभग तीन एकड़ खेतों में इस बार धान की अच्छी फसल होने से उन्हें आर्थिक लाभ मिलेगा। मनरेगा से बना एक संसाधन इस परिवार के लिए आजीविका की नई राहें बना रहा है। इसके लिए रामप्यारे ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का धन्यवाद ज्ञापित किया है।