इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तानी सेना पर सीधा हमला बोलते हुए कहा है कि पाकिस्तान एक बार फिर 1971 की तरह बंटवारे के कगार पर खड़ा है। पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई नेता ने ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ में एक लेख लिखकर पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर पर हत्या की साजिश का आरोप लगाया है। लेख में खान ने कहा, "पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान मेरे खिलाफ जो कुछ कर सकता था, उसके किया। अब उनके लिए मेरी हत्या करना ही बाकी रह गया है। मैंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि अगर मुझे या मेरी पत्नी को कुछ भी हुआ तो जनरल असीम मुनीर जिम्मेदार होंगे।" उन्होंने कहा कि वो डरते नहीं हैं और गुलामी से ज्यादा मौत पसंद करेंगे।
पाकिस्तानी नेता ने कहा, दो साल पहले मेरी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के बाद से सेना प्रमुख असीम मुनीर के सीधे मार्गदर्शन में पाकिस्तान में मेरी पार्टी को खत्म करने के लिए हर कोशिश की गई है। लेकिन सेना और उसकी कठपुतली सरकार नाकाम रही है। 8 फरवरी 2024 को पाकिस्तान के आम चुनाव ने उनके डिजाइन को बेकार कर दिया। निर्दलीय होने के बावजूद मेरी पार्टी पीटीआई के समर्थित उम्मीदवारों के लिए पाकिस्तान के लोगों ने भारी मतदान किया। इमरान खान ने चुनावों को पाकिस्तान के लोगों का सेना के खिलाफ लोकतांत्रिक बदला बताया।
सरकार को बताया मजाक
खान ने लेख में कहा, दुर्भाग्य से लोगों के जनादेश को स्वीकार करने के बजाय, सैन्य प्रतिष्ठान गुस्से में आ गया और हारे हुए लोगों को सत्ता में लाने के लिए चुनाव परिणाम में धांधली की। उन्होंने कहा, "आज पाकिस्तान एक खतरनाक चौराहे पर खड़ा है। लोगों ने पीटीआई नेतृत्व और इसके कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न को अस्वीकार कर दिया है। पाकिस्तान के इतिहास में सेना के नेतृत्व को इतनी खुली आलोचना का सामना नहीं करना पड़ा है। सरकार मजाक बनकर रह गई है।"
न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सवाल
इमरान खान ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में न्यापालिका की स्वतंत्रता को भी खत्म करने का व्यवस्थित प्रयास किया गया। न्यायाधीशों पर ब्लैकमेल और परिवार के सदस्यों के उत्पीड़न सहित सभी प्रकार के दबाव डाले गए हैं। लेकिन वरिष्ठ न्यायपालिका के सदस्य न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए उठ खड़े हुए हैं। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के छह बहादुर न्यायाधीशों ने पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (CJP) को एक पत्र लिखा है जिसमें खुफिया एजेंसियों द्वारा उनके परिवारों सहित उत्पीड़न और ब्लैकमेल की घटनाओं का खुलासा किया है। यह हमारे इतिहास में अभूतपूर्व है।
पाकिस्तान के बंटवारे चेतावनी
इमरान खान ने लिखा, संकट में फंसी अर्थव्यवस्था, बढ़ती कीमतों और अपने चुनावी जनादेश की चोरी से राजनीतिक रूप से नाराज लोगों और आर्थिक संकट के कारण, राज्य अलग-थलग पड़ गया है। अपनी गलतियों को न सुधारने के चलते पाकिस्तान अनिश्चित मोड़ पर पहुंच गया है। पाकिस्तान उसी रास्ते पर चल रहा है जो उसने 1971 में अपनाया था, जब उसने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) खो दिया था।