चेन्नई । एनआईआरएफ द्वारा 2020 में भारत में नं. 1 रैंक वाले संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, मद्रास (आईआईटी मद्रास) ने आज प्रोग्रामिंग एवं डेटा साईंस में विश्व के पहले ऑनलाईन बी.एससी. डिग्री कार्यक्रम का लॉन्च किया। यह प्रोग्राम कक्षा 12 उत्तीर्ण कर चुके हर विद्यार्थी के लिए खुला है, जिसने कक्षा 10 तक इंग्लिश व मैथ्स का अध्ययन किया हो और किसी ऑन-कैंपस यूजी कोर्स में नामांकन लिया हो। 2020 में कक्षा 12 की परीक्षा देने वाले मौजूदा बैच के विद्यार्थी भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में ग्रेजुएट एवं वर्किंग प्रोफेशनल भी हिस्सा ले सकते हैं। यह अद्वितीय कार्यक्रम उम्र, विषय या भौगोलिक स्थान की समस्त बाधाओं को दूर करेगा तथा डेटा साईंस में विश्वस्तरीय पाठ्यक्रम उपलब्ध कराएगा, जो स्किल्ड प्रोफेशनल्स के लिए भारी मांग में है। यह प्रोग्राम आज श्री रमेश पोखरियाल ‘निशांक’, माननीय केंद्रीय एचआरडी मंत्री, भारत सरकार एवं श्री संजय धोत्रे, माननीय एचआरडी राज्यमंत्री, संचार व इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, भारत सरकार तथा डॉक्टर पवन कुमार गोयन्का, चेयरमैन, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, संस्थान के डायरेक्टर एवं फैकल्टी की गणमान्य उपस्थिति में लॉन्च किया गया। प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे, चेयरमैन, एआईसीटीई भी इस ऐतिहासिक लॉन्च के अवसर पर मौजूद थे।
डेटा साईंस सबसे तेजी से विकसित होते हुए सेक्टर्स में से एक है, जो 2026 तक 11.5 मिलियन नौकरियों का निर्माण करेगा। ऑनलाईन शिक्षा का ट्रेंड व्यापक स्तर पर गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए लोकप्रिय हो रहा है। आईआईटी, मद्रास की फैकल्टी ऑनलाईन शिक्षा प्रक्रियाओं का उपयोग कर इस सेक्टर की जरूरत को पूरा कर रही हैं और एक समावेशी एवं किफायती शिक्षा का मॉडल प्रस्तुत कर रही हैं, जो आईआईटी की पहंुच का कई गुना विस्तार कर देगी।
इस लॉन्च पर आईआईटी, मद्रास को बधाई देते हुए, श्री रमेश पोखरियाल ‘निशांक’, माननीय केंद्रीय एसआरडी मंत्री, भारत सरकार ने कहा, ‘‘आईआईटी मद्रास को डेटा साईंस एवं प्रोग्रामिंग में दुनिया के पहले ऑनलाईन बी.एससी. डिग्री प्रोग्राम के लॉन्च पर बधाई। यह संस्थान निरंतर नवोन्मेष एवं सफलता का इतिहास दर्शाता है और एनआईआरएफ रैंकिंग्स में पहला स्थान यहां की टीम की प्रतिभा, मिशन और विज़न को प्रदर्शित करता है। विश्लेषण प्रदर्शित करते हैं कि हर साल बेहतर शिक्षा की तलाश में 7 से 7.5 लाख भारतीय विद्यार्थी विदेशों को जाते हैं और हमारी प्रतिभा एवं राजस्व देश से बाहर चला जाता है। आईआईटी मद्रास जैसे संस्थानों के पास देश को आत्मनिर्भरता के मार्ग पर आगे बढ़ाने का विज़न एवं मिशन है, जो भारत में गुणवत्तायुक्त शिक्षा एवं अद्वितीय कोर्स प्रस्तुत कर रहे हैं। इस चुनौतीपूर्ण समय में भी जब देश कोविड-19 से लड़ाई लड़ रहा है और हर कोई अपने-अपने घर पर रहने को मजबूर है, तो आईआईटी देशके लिए इनोवेशन जारी रखे हुए है। अनेक इनोवेशन, जैसे वैंटिलेटर्स, मास्क एवं ड्रोन आईआईटी में निरंतर शोध के परिणामस्वरूप विकसित किए जा चुके हैं। मुझे विश्वास है कि शिक्षा के क्षेत्र में यह अभियान भारत में अनेक विद्यार्थियों की मदद करेगा।’’
जो विद्यार्थी भारत में किसी भी स्थान से ऑन-कैंपस प्रोग्राम के लिए नामांकन करा चुके हैं, वो यह डिग्री प्रोग्राम भी कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें अपने कॅरियर या कोर्स को बदलने की जरूरत नहीं होगी। यहां तक कि जो एम्प्लॉयर्स अपने कर्मचारियों का कौशल बढ़ाना चाहते हैं, वो भी नौकरी का प्रोडक्टिव समय गंवाए बिना इस विकल्प को चुन सकते हैं। वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम का अनुमान है कि 2022 तक डेटा एनालिस्ट एवं वैज्ञानिक दुनिया में सबसे ज्यादा तेजी से विकसित होती नौकरियां होंगी। यह प्रोग्राम विद्यार्थियों को आकर्षक क्षेत्र में कॅरियर बनाने के अवसर देगा, वर्किंग प्रोफेशनल्स को कॅरियर स्विच करने का अवसर देगा तथा लर्नर्स को आईआईटी, मद्रास जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से डिग्री प्राप्त करने का अवसर देगा।
प्रोग्राम के लॉन्च पर आईआईटी मद्रास की टीम को बधाई देते हुए, श्री संजय धोत्रे, माननीय राज्यमंत्री (एचआरडी) ने कहा, ‘‘आज की दुनिया में शिक्षा एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। विद्यार्थियों एवं प्रोफेशनल्स को अपने ज्ञान की वृद्धि करते रहने एवं समय व स्थान की सीमाओं के अंदर रहकर काम करते हुए प्रतिस्पर्धी बने रहने की आवश्यकता है। कोविड की महामारी के दौरान यह और भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है। इसलिए मैं आज इस अभियान का हिस्सा बनकर बहुत प्रसन्न हूँ, जो पूरे भारत के लाखों विद्यार्थियों तक पहुंचेगा। डेटा साईंस एवं प्रोग्रामिंग उद्योग की वृद्धि के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है। इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में इस ऑनलाईन डिग्री द्वारा आईआईटी मद्रास अनेक विद्यार्थियों तक पहुंच सकेगा। मुझे विश्वास है कि यह कोई विभिन्न लर्नर्स तक पहुंचकर उन्हें अनेक एंट्री व एक्ज़िट प्वाईंट्स प्रदान करेगा एवं देश को अमूल्य योगदान देगा।’’
लॉन्च के मौके पर प्रोफेसर भास्कर राममूर्ति, डायरेक्टर, आईआईटी मद्रास ने कहा, ‘‘हमें ऐसा प्रोग्राम प्रस्तुत करने की खुशी है, जो गुणवत्तायुक्त शिक्षा को समावेशी बनाएगा एवं आज के चुनौतीपूर्ण उच्च शिक्षा के वातावरण की महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करेगा। यह प्रोग्राम न केवल शिक्षा को ऑनलाईन ले जाने के ट्रेंड का पालन करेगा, बल्कि डेटा-संचालित दुनिया में स्किल्ड व रोजगारयोग्य महिला व पुरुषों के निर्माण का एक मंच भी प्रदान करेगा। ऑनलाईन शिक्षा के क्षेत्र में हमारे संपन्न अनुभव के साथ हम स्केल को संभालने में समर्थ हैं और सुगम डिलीवरी द्वारा सभी विद्यार्थियों को ज्ञानवर्धक एवं रोचक अनुभव प्रदान करेंगे। हम अपने विद्यार्थियों को उत्कृष्टता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ सदैव सर्वश्रेष्ठ शिक्षा प्रदान करने का प्रयास करते हैं, जिससे हमें एनआईआरएफ रैंकिंग्स में सदैव नंबर 1 बने रहने में मदद मिलती है। हमें विश्वास है कि इस प्रोग्राम से हमारे संस्थान के उच्च मापदंड बने रहेंगे।’’
यह प्रोग्राम अत्याधुनिक पोर्टल पर प्रस्तुत किया जाएगा एवं भारत के हर कोने से लर्नर्स को आकर्षित करेगा, जहां पर डिजिटल लिटरेसी की पहुंच न्यूनतम है और यह उन्हें अपने कॅरियर के सफर में आगे बढ़ने में मदद करेगा। ऑनलाईन लर्निंग प्लेटफॉर्म क्लासरूम लर्निंग के अनुभव की भांति रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए इस प्रोग्राम में फैकल्टी द्वारा वीडियो, साप्ताहिक असाईनमेंट्स एवं व्यक्तिगत रूप से इनविजिलेटेड परीक्षाएं उसी भांति होंगी, जैसे अन्य रेगुलर कोर्स में होती हैं। यह प्रोग्राम डेटा के प्रबंधन, विज़्युअलाईज़िंग के पैटर्न में विद्यार्थियों की स्किल बढ़ाएगा ताकि उनमें प्रबंधन के गुण पैदा हों, वो अनिश्चितताओं को समझकर ऐसे मॉडल बना सकें, जो प्रभावशाली व्यवसायिक निर्णय लेने के लिए पूर्वानुमान लगाने में मदद करें।’’
यह अद्वितीय ऑनलाईन कोर्स तीन अलग-अलग चरणों - फाउंडेशनल प्रोग्राम, डिप्लोमा प्रोग्राम एवं डिग्री प्रोग्राम के चरण में दिया जाएगा। इस चरण में विद्यार्थियों को प्रोग्राम से बाहर निकल आईआईटी, मद्रास से क्रमशः सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त करने की स्वतंत्रता होगी। पात्रता के आधार पर इच्छुक विद्यार्थियों को एक फॉर्म भरकर क्वालिफायर परीक्षा के लिए 3000 रु. का शुल्क देना होगा। लर्नर्स को 4 विषयों (मैथमैक्टिस, इंग्लिश, स्टेटिस्टिक्स एवं कंप्यूटेशनल थिंकिंग) के लिए 4 सप्ताह के कोर्स की एक्सेस मिलेगी। विद्यार्थियों को कोर्स के लैक्चर ऑनलाईन लेने होंगे, ऑनलाईन असाईनमेंट जमा करने होंगे और 4 हफ्तों के अंत में इन-पर्सन क्वालिफायर परीक्षा देनी होगी। आईआईटी की पारंपरिक परीक्षा इन-कैंपस सीटों की सीमित संख्या के चलते सीमित होती है, लेकिन इस प्रोग्राम में फाउंडेशनल प्रोग्राम के लिए वो सभी विद्यार्थी रजिस्टर करा सकेंगे, जो क्वालिफायर परीक्षा में 50 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त करेंगे।
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