भोपाल / स्पिट्फ़ायअर नितिन मिश्रा की उम्र 19 साल की थी जब उसने ‘कठुआ रेप केस’ के बारे सुना, वह रोया और उसके तुरंत बाद उसने ‘ब्लैक’ लिख कर रिकॉर्ड किया। छतरपुर (म.प्र.) में पला बढ़ा, नितिन हमेशा से घर में महिलाओं के बीच में रहा, करीब 10 सालों तक वह अपनी दादी के साथ रहा जिन्होंने उसकी सोच को गहरे रूप से प्रभावित किया।
वह अपने माता पिता और अपनी तीन छोटी बहनों के भी काफी करीब है। आज नितिन 21 साल का है मगर आज वह रोता नहीं है, आज वह नाराज़ है और गुस्से में है, क्योंकि बस विक्टिम के नाम बदल जाते हैं लेकिन उन पर जो अत्याचार हो रहे हैं आज भी वैसी ही है।
भारत में हर 15 मिनट में एक बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज की जाती है। और करीब 40,000 एक पूरे साल में। और यह सिर्फ उन मामलों की गिनती है जिनकी रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है।ना जाने कितने अनगिनत मामले तो दर्ज ही नहीं होते !
2013 में, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम पारित किया गया था, जिसमें एसिड हमलों, वायुर्यवाद, और पीछा करने वाले यौन अपराध थे, और बलात्कार के लिए 20 साल की सजा और चरम बलात्कार के मामलों में मौत की सजा भी प्रदान की थी। संघीय सरकार ने 2013 में एक विशेष “निर्भया फंड” की स्थापना की जिसमें महिलाओं पर हमला करने के साथ-साथ महिलाओं की सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार के लिए मदद की गई थी। इन पहलों को सात साल बीत चुके हैं लेकिन रिपोर्ट किए गए बलात्कारों की संख्या कम नहीं हुई है।
स्पिट्फ़ायअर - राइटर, परफॉर्मर एवं कंपोजर, ब्लैक
“मेरा मकसद था कि लोग यह सुनकर अवेयर हो, खुद का दिमाग लगा कर सही इंफॉर्मेशन पता करें, अपना ओपिनियन रखे, आवाज़ बने और इकट्ठे हो। गाने का टाइटल ‘Black’ (ब्लैक) इसलिए है, क्योंकि ब्लैक मतलब कालापन, अंधेरा। मगर काली स्याही भी, जो मेरा जरिया है मेरी बात रखने का, मेरी राय रखने का। तो खुद को शिक्षित करिए, खुद का सही और ग़लत खुद तय करिए। और खुद को और दूसरों को जागरूक
करिए। जैसे सागर बूंद बूंद से बनता है, वैसे ही बदलाव भी छोटी छोटी कोशिशों से आता है।