जशपुर, । छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजनांतर्गत चिन्हांकित नरवा को जल संरक्षण संवर्धन के लिए संरक्षित किया जा रहा है ताकि किसानों को खेती किसानी के लिए पर्याप्त मात्रा में सिंचाई हेतु जल की सुविधा उपलब्ध हो सके। अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में किसान वर्षा के जल पर ही खेती के लिए निर्भर रहते हैं।
जिले में नाला उपचार के कार्य ब्रशहुड, गली प्लग, बोल्ड चेक और गेबियन नाला गहरीकरण आदि के कार्य एवं क्षेत्र उपचार के तहत सी.सी.टी., एस.सी.टी, मेडबधान, डबरी, कुआं, 30-40 मॉडल, तालाब गहरीकरण, नवीन तलाब, भूमि सुधार के कार्य स्वीकृत किया गया है और कार्य किया जा रहा है अब तक प्रथम चरण के 67 नरवा के कार्य को पूर्ण कर लिया गया है साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय ग्रामीणों को मनरेगा के तहत् रोजगार दिया जा रहा है।
मनरेगा के एपीओ अस्वनी व्यास ने बताया कि नालों में पर्याप्त पानी रहने से किसानों को अच्छी फसल लेने में सुविधा होती है और उनको वर्षा के जल पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। जिले में नरवा विकास योजना से क्षेत्र का चहुंमुखी विकास हो रहा हैै। भू-जल संरक्षण एवं संवर्धन से क्षेत्र में पानी की समस्या अब नहीं होती है और किसानों के खेतों में दोहरी फसल से ग्रामीणों की आमदनी बढ़ रही हैै।