टीम इंडिया 26 दिसंबर से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेलेगी। इस बार टीम इंडिया के पास विराट कोहली की अगुवाई में स्वर्णिम कीर्तिमान रचने का अवसर है। भारतीय टीम पहली बार 1992 में अफ्रीका के दौरे पर गई थी। पिछले 29 सालों में भारत ने अफ्रीका की धरती पर सात टेस्ट सीरीज खेला लेकिन विजेता बनने में असफल रहा। भारत के धाकड़ कप्तान रहे सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी भी वहां टेस्ट सीरीज जीतने में नाकाम रहे। दक्षिण अफ्रीका को उसी की सरजमीं पर हराना टेढ़ी खीर है लेकिन विराट इतिहास बदल सकते है।
अफ्रीकी टीम इन दिनों बदलाव के दौर से गुजर रही है। 2013 के बाद पहली बार घर पर अफ्रीकी टीम को हाशिम अमला, एबी डिविलियर्स और फाफ डु प्लेसी की कमी महसूस होगी। इन तिकड़ी ने देश-विदेश में अफ्रीका को कई टेस्ट में जीत दिलाने के अलावा कई बार हार से भी बचाया है। अमला, डिविलियर्स और डु प्लेसी ने घर पर एक साथ 24 टेस्ट मैच खेला है जिसमें 17 बार अफ्रीकी टीम अपराजेय रही। एबी डिविलियर्स के संन्यास लेने से पहले अफ्रीकी टीम ने न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और भारत को दो-दो बार जबकि ऑस्ट्रेलिया को एक बार टेस्ट सीरीज में मात दी। अफ्रीका की तेज गेंदबाजी अब भी बेहतरीन है। उसके पास कगिसो रबाडा, एनरिक नॉर्किया और लुंगी एनगिडी जैसे घातक गेंदबाज हैं जो उछाल और स्विंग लेती पिचों पर भारतीय बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा लेंगे।
हालांकि दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी कमजोर नजर आ रही है। टीम के कप्तान डीन एल्गर का भारत के खिलाफ औसत 33 का है। वहीं उप कप्तान तेम्बा बावुमा और स्टार बल्लेबाज क्विंटन डि कॉक भारत के खिलाफ 19 की औसत से ही रन बना सके हैं। हाल के दिनों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले एडेन मार्करम का तो और बुरा हाल है। वहीं रासी वैन डर डुसेन ने भारत के खिलाफ अब तक कोई टेस्ट मैच नहीं खेला है। इसके अलावा पहले टेस्ट मैच के बाद डिकॉक व्यक्तिगत कारणों से भारत के खिलाफ सीरीज के आखिरी दो टेस्ट नहीं खेलेंगे। टीम इंडिया के पास जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, ईशांत शर्मा और मोहम्मद सिराज जैसे कहर ढाने वाले गेंदबाज है। अक्षर पटेल और रवींद्र जडेजा चोटिल होने की वजह से सीरीज से बाहर हैं। ऐसे में रविचंद्रन अश्विन 7वें नंबर पर ऑलराउंडर की भूमिका निभा सकते हैं। वहीं भारत 4 तेज गेंदबाजों के साथ उतर सकता है।
सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत साल 2001 में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर गया था। हालांकि उसे दो टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 से हार का सामना करना पड़ा। वहीं महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने दो बार दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया है। धोनी की कप्तानी में पहली बार साल 2010-11 में भारतीय टीम अफ्रीका की धरती पर टेस्ट सीरीज ड्रॉ कराने में सफल रही। धोनी की कप्तानी में भारत ने दूसरी बार 2013-14 में अफ्रीका का दौरा किया। दो टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 से हार मिली। भारत ने तीन साल पहले विराट कोहली की कप्तानी में आखिरी बार अफ्रीका का दौरा किया था। तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत को 2-1 से हार का सामना करना पड़ा।