गोल्ड कोस्ट । जब मेघना सिंह ने अंतररष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पहली गेंद पर पहले वनडे में एलिसा हीली को एक शानदार आउटस्विंगर से बीट किया था तो ऐसा लगा जून में इंग्लैंड में सीरीज़ हारने के बाद भारतीय टीम में अगले साल के विश्व कप से पहले तेज़ गेंदबाज़ों की खोज की एक कड़ी मिल गई है। झूलन गोस्वामी भी चिर परिचित अंदाज़ में बल्लेबाज़ों को परेशान करती नज़र आईं और पूजा वस्त्रकर की गेंदबाज़ी में भी एक नई धार दिखाई दी।
तीसरे वनडे की समाप्ति तक ऐसा लगा कि भारतीय तेज़ गेंदबाज़ी में कुछ बात ज़रूर है।
मल्टी फॉर्मैट सीरीज में पिंक बॉल टेस्ट के आते-आते यह हाल है कि मूलतया स्पिन पर निर्भर भारतीय गेंदबाज़ी ना सिर्फ अब तेज़ गेंदबाज़ों के आधार पर चुनौती पेश कर रही है बल्कि सच में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजों को भी कुछ मामलों में पीछे छोड़ दिया है। तीसरे दिन के खेल के बाद हीली ने कहा, 'आज भारत के तेज़ गेंदबाज़ों ने वह कर दिखाया जो हम अपनी गेंदबाज़ी के वक़्त शुरुआत में नहीं कर पाए थे। हमने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया और शायद हमारे गेंदबाज़ों में अनुभव की कमी साफ़ नज़र आई। हालांकि मौसम के चलते हम पहले दोनों दिन लाइट के रहते गेंदबाज़ी करने का फ़ायदा भी नहीं उठा पाए।'
शाम के समय में भारतीय गेंदबाजी का सितारा रहीं झूलन। मेजबान की पारी के सातवें ओवर में उन्होंने एक तेज इनस्विंगर के ज़रिए सलामी बल्लेबाज बेथ मूनी के स्टंप बिखेरे और फिर हीली के साथ एक रोचक प्रतिस्पर्धा का सार तीन गेंदों में दिखा। सबसे पहले एक अंदर आती गेंद से हीली के बल्ले और पैड के बीच का रास्ता लेते हुए उन्हें बीट किया। अगली गेंद पर एक बाउंसर को पुल करने के चक्कर में हीली के कंधे पर प्रहार किया और आखिर में एक आउटस्विंगर से उन्हें पवेलियन भेजा।