नई दिल्ली : वर्ष 2020 वास्तव में अनिश्चितताओं का वर्ष रहा है। कई लोगों के लिए इसका मतलब प्रियजनों को खोना है और कुछ अन्य के लिए उनकी आजीविका का खो जाना। हालांकि 2021 में कोविड -19 के टीके के आने की खबर निश्चित रूप से एक बड़ी उम्मीद लेकर आई है। कुछ सेक्टर पहले से ही रिकवरी के रास्ते पर हैं। डायरेक्ट सेलिंग एक ऐसा ही सेक्टर है जो मौजूदा मुश्किलों और चुनौतियों के बावजूद उज्ज्वल भविष्य का वादा करता है।
वेस्टिज मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गौतम बाली ने कहा डायरेक्ट सेलिंग आज भारत में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है। मौजूदा चुनौतीपूर्ण समय के बावजूद इस सेक्टर ने पिछली तीन तिमाहियों में शानदार वृद्धि दर्ज की है। वेस्टिज में, हमने महामारी के दौरान लाखों लोगों को एक वैकल्पिक कैरियर का अवसर प्रदान किया है। हम 2021 की प्रतीक्षा कर रहे हैं और लोगों को सशक्त बनाकर डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री के तेजी से विकास में एक प्रमुख कंपनी बने रहने की उम्मीद करते हैं।
उद्योग से जुड़े अनुमान के अनुसार भारत में डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री जो अभी विश्व स्तर पर 15 वें स्थान पर है, लगभग 4.8 प्रतिशत की वार्षिक वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ 2021 तक 15.930 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगी। डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री फल.फूल रही है और सालाना 12.1% की प्रभावशाली दर से वृद्धि करते हुए निरंतर विकास की अपनी क्षमता दिखा रही है।
ध्यान देने योग्य एक दिलचस्प ट्रेंड यह है कि इस सेक्टर ने महामारी के कारण अपनी नौकरी खोने वाले करीब 12.2 करोड़ भारतीयों के लिए रोजगार सृजन में मदद की है।
वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत जैसी पहल ने भारतीयों को डायरेक्ट सेलिंग के माध्यम से स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों को खरीदने और बेचने के विकल्प तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया। इसमें कम निवेश में उच्च रिटर्न मिलता है। इसने न केवल लोकल मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया बल्कि स्वामित्व (ऑनरशिप) की भावना के साथ-साथ नए उद्यमियों के बीच फलता के लिए दृढ़ संकल्प को भी स्थापित किया। भारत में डायरेक्ट सेलिंग उद्योग ने लोगों को अतिरिक्त आय के अवसर प्रदान किए हैं और सूक्ष्म उद्यमिता को काफी बढ़ावा दिया है। वित्त वर्ष 2018.19 में 57 लाख डायरेक्ट सेलर्स थे। यह संख्या तेजी से बढ़ते हुए 2025 तक 1.81 करोड़ पर पहुंचने का अनुमान है।
इस क्षेत्र ने शुरुआत से ही महिलाओं को उल्लेखनीय तरीके से सशक्त बनाया है। आज लगभग 21 लाख महिलाएं हैं, जो इस उद्योग के केंद्र में हैं और सफल उद्यमी बन चुकी हैं।