रायपुर, विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा में शामिल होने के लिए जगदलपुर पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बस्तर के नगर वासियों को दलपत सागर आईलैंड के उत्तरी छोड़ में 1 करोड़ 92 लाख रूपए की लागत से बनाए गए पाथवे, पेंटिंग एवं विद्युतीकरण कार्य तथा 76 लाख रूपए की लागत से किये गए सौन्दर्यीकरण कार्य का लोकार्पण किया। वहीं दलपत सागर आईलैंड में ही 13 लाख 60 हजार रुपये की लागत से दलपत सागर के उत्तरी छोर में दुकान निर्माण कार्य का भूमिपूजन भी किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अमृत मिशन योजना अंतर्गत इंद्रावती नदी से 75 एच पी विटी पम्प से दलपत सागर के जलस्तर के अनुरक्षण योजना का शुभारंभ बटन दबाकर किया जिससे दलपत सागर में अब इंद्रावती नदी का पानी पहुंचने लगा है। दलपत सागर को संरक्षित करने की दिशा में उठाए गए इस कदम के तहत इन्द्रावती नदी के बहते साफ पानी को दलपत सागर में भरने की यह कवायद की गई है। इसके तहत पावर हाऊस चौक में जल आवर्धन योजना के तहत स्थापित इंटेकवेल में 75-75 एचपी के दो पम्प स्थापित किए गए हैं और 400 मिलीमीटर व्यास की 700 मीटर पाइप लाईन के माध्यम से इन्द्रावती नदी का पानी दलपत सागर में पहुंचाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि ऐतिहासिक दलपत सागर जलकुंभी के कारण न केवल अपनी सुंदरता खो रहा था, बल्कि यह अपना अस्तित्व भी खो रहा था। दलपत सागर के अस्तित्व को बचाने के साथ ही इसकी सुंदरता को निखारने के लिए बस्तर जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। घरेलू उपयोग में आने वाली जल के बड़ी मात्रा में पहंुचने के कारण दलपत सागर में जलकुंभी बड़े पैमाने पर पनपी थी। इस जलकुंभी को निकालने के लिए प्रशासन और सामुदायिक प्रयास किए गए जलकुंभी को निकालने के लिए जिला प्रशासन द्वारा नगर निगम को 75 लाख रूपए की लागत से एक मशीन भी उपलब्ध कराई गई है, जिसके उपयोग के कारण दलपत सागर अब काफी साफ दिखाई दे रहा है।
वहीं दलपत सागर में जलकुंभी फिर से न पनपे, इसके लिए दलपत सागर में आने वाली दूषित जल को रोकने की कार्यवाही भी की जा रही है। दूषित जल को यहां आने से रोकने पर दलपत सागर में होने वाली जल स्तर की कमी को देखते हुए इन्द्रावती नदी के साफ पानी से भरने की कवायद की गई है।उल्लेखनीय है कि जगदलपुर में रोजाना उपयोग में आने वाले घरेलू पानी के निस्तारण की दिशा में भी कार्य लगभग पूरा हो चुका है। जगदलपुर में दस आउटलेटांे के माध्यम से पानी दलपत सागर और इन्द्रावती नदी में सीधे पहुंचता है और उसे दूषित कर देता है। इन्द्रावती और दलपत सागर को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए बालीकोंटा में लगभग 54 करोड़ रूपए की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की गई है।
यह भी उल्लेखनीय है कि जगदलपुर से प्रतिदिन लगभग 8 एमएलडी प्रदूषित जल की निकासी होती है तथा इस दूषित जल के ट्रीटमेंट के लिए बालीकोंटा में 25 एमएलडी क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया गया है। बालीकोंटा तक यहां के दूषित जल को पहुंचाने के लिए लगभग 10 किलोमीटर लम्बी पाइप लाईन बिछाई गई है।