पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला लिया था। गुरुवार देर रात भारत की तरफ से पाकिस्तान को चिठ्ठी भेजकर इसकी आधिकारिक जानकारी दे दी गई।
भारत में जल शक्ति मंत्री सचिव देवश्री मुखर्जी ने पाकिस्तानी जल संसाधन मंत्रालय के सचिव मुर्तजा को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया कि, यह संधि अच्छे संदर्भ में की गई थी, लेकिन अच्छे रिश्तों के बिना इसे बनाए नहीं रखा जा सकता।
पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि के खत्म होने को एक्ट ऑफ वॉर बताया है। पाकिस्तानी सरकार ने कहा- अगर भारत सिंधु जल समझौते को रोकता है तो इसे एक्ट ऑफ वॉर यानी जंग की तरह माना जाएगा।
पहलगाम के नजदीक बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकियों ने 26 टूरिस्ट की हत्या कर दी थी। इनमें एक नेपाली नागरिक शामिल था। 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इसके बाद भारत ने जल संधि स्थगित करने सहित 5 बड़े फैसले लिए थे।
लेटर में क्या लिखा...5 पॉइंट में
1960 में हुआ था सिंधु जल समझौता, 65 साल बाद रोका गया
1960 में भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच ये समझौता हुआ था। समझौते में सिंधु बेसिन से बहने वाली 6 नदियों को पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में बांटा गया था।
पूर्वी हिस्से की नदियों रावी, ब्यास और सतलुज के पानी पर भारत का पूरा अधिकार है। पश्चिमी हिस्से की नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम का 20% पानी भारत रोक सकता है।
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ 5 बड़े फैसले
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 23 अप्रैल को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट मीटिंग (CCS) में 5 बड़े फैसले लिए गए। इसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजित डोभाल समेत कई अफसर मौजूद रहे थे।