हमास के खिलाफ जंग के बीच ईरान समर्थित हिजबुल्लाह ने सोमवार रात इजराइल पर 35 रॉकेट से हमला किया। हिजबुल्लाह ने दावा किया है कि इस दौरान उन्होंने इजराइल के आर्मी हेडक्वार्टर को निशाना बनाया। इजराइल ने भी इन हमलों की पुष्टि की है।
इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने बताया कि लेबनान से दागे गए कत्यूशा रॉकेट इजराइल के साफेद शहर में गिरे। हालांकि, इस दौरान किसी नुकसान की खबर नहीं है। इसके बाद इजराइल ने लेबनान में पर जवाबी हमले किए।
लेबनान की स्टेट न्यूज एजेंसी (NNA) की रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला लेबनान के गांवों पर इजराइली हमलों के जवाब में था। दरअसल, इजराइल ने हाल ही में लेबनान के श्रीफा, ओडासेह और रब लातिन गांवों में हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाया था।
6 महीने में हिजबुल्लाह के 376 लड़ाकों की मौत
हमास के खिलाफ जंग शुरू होने के बाद हिजबुल्लाह लगातार इजराइल पर हमले करता रहा है। इस दौरान इजराइल की जवाबी कार्रवाई में अब तक हिजबुल्लाह के करीब 376 लड़ाकों की मौत हुई है। इस दौरान इजराइल के भी 10 सैनिकों और 8 आम नागरिकों ने जान गंवाई है।
ईरान और इजराइल में टकराव के बाद से ईरान समर्थित संगठनों ने इजराइल पर हमले तेज कर दिए हैं। रविवार को एक और संगठन कातिब हिजबुल्लाह ने सीरिया में अमेरिकी फौज के ठिकानों पर हमला किया था। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, यह हमला इराक से हुआ था।
इससे पहले 17 अप्रैल को भी हिजबुल्लाह ने इजराइल पर रॉकेट और ड्रोन्स से हमला किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजराइली आर्मी के बेस पर हुए अटैक में 14 लोग जख्मी हो गए थे। यह हमला इजराइल के अल-अरामशे गांव पर हुआ था।
क्या है हिजबुल्लाह संगठन
हिजबुल्लाह शब्द का अर्थ पार्टी ऑफ गॉड है। यह संगठन खुद को शिया इस्लामिक पॉलिटिकिल, मिलिट्री और सोशल आर्गनाइजेशन बताता है। हिजबुल्लाह लेबनान का ताकतवर ग्रुप है। अमेरिका और कई देशों ने इसे आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है।
1980 की शुरुआत में लेबनान पर इजराइल के कब्जे के दौरान इसे ईरान की मदद से बनाया गया था। 1960-70 के दशक में लेबनान में इस्लाम की वापसी के दौरान इसने धीमे-धीमे जड़ें जमानी शुरू कर दी थीं।
ऐसे तो हमास सुन्नी फिलिस्तीनी संगठन है, जबकि ईरान के सपोर्ट वाला हिजबुल्लाह शिया लेबनानी पार्टी है। लेकिन इजराइल के मुद्दे पर दोनों संगठन एकजुट रहते हैं। 2020 और 2023 के बीच, दोनों गुटों ने इजराइल के साथ UAE और बहरीन के बीच समझौते का विरोध किया था।
2006 में इजराइल ने हिजबुल्लाह को मिटाने के लिए चलाया था ऑपरेशन
2006 में ईरान समर्थित हिजबुल्लाह संगठन ने इजराइल पर हमला कर दिया था। इसके जवाब में इजराइली सेना ने एक ऑपरेशन चलाया था। इजराइल ने लेबनान पर ताबड़तोड़ हवाई हमले किए थे। जमीन से हमले के लिए इजराइली सेना लेबनान में घुस गई थी।
34 दिनों तक चले इस ऑपरेशन में इजराइली सेना ने हिजबुल्लाह के कैंप पर कम दूरी की मिसाइलों और तोपों से गोले बरसाए थे। इस ऑपरेशन के खत्म होने के बाद इजराइल ने दावा किया था कि उसने हिजबुल्लाह के नेटवर्क को पूरी तरह से तबाह कर दिया है।