इजराइल-हमास जंग में अब तक 15 हजार 571 बच्चों ने जान गंवाई है। UN ने इजराइली हमलों में हुई इन हत्याओं को दुनिया के लिए शर्मसार माना है और इजराइल को लिस्ट ऑफ शेम में डाला दिया है। इजराइल पर लग रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों को देखते हुए UN ने उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया है।
इजराइल अब उन देशों में शामिल है जो बच्चों को नुकसान पहुंचाता है। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इजराइल के अलावा हमास और फिलिस्तीनी जिहाद को 'लिस्ट ऑफ शेम' (शर्मनाक सूची) में शामिल किया है।
UN सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस के ऑफिस ने शर्मनाक देशों और संस्थाओं की वार्षिक रिपोर्ट फाइनल की। इसके बाद इजराइल के राजूदत गिलाद एर्दन को इसकी जानकारी दी गई। जंग के बीच गाजा में बच्चों पर हो रहे जुल्म को देखते हुए यह फैसला किया गया है। यह पहली बार है, जब इजराइल और हमास को इस लिस्ट में जोड़ा गया है।
नेतन्याहू बोले- ऐसा करके इतिहास में ब्लैकलिस्ट हुआ UN
रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, "UN ने हमास की बेतुके दावों के आधार पर इस लिस्ट में हमारा नाम जोड़ा है। ऐसा करके सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस ने खुद को इतिहास में ब्लैकलिस्ट करवा लिया है। वे आतंकवाद और इजराइल के खिलाफ नफरत को बढ़ावा देते हैं।"
नेतन्याहू ने कहा, "इजराइली डिफेंस फोर्स IDF पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा इंसानियत रखने वाली सेना है। UN का कोई भी फैसला इस हकीकत को नहीं बदल सकता।"
दूसरी तरफ, UN में फिलिस्तीन के प्रतिनिधि रियाद मंसूर ने कहा है कि इजराइल को लिस्ट ऑफ शेम में जोड़ने से उन बच्चों को दूसरा जीवन नहीं मिल सकता, जिनकी इजराइल के हमले में मौत हो गई। फिर भी यह इजराइल के अत्याचार के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए एक अहम कदम है।
पिछले साल रूस को लिस्ट में जोड़ा गया था
इजराइल और हमास के अलावा अब तक UN की लिस्ट में रूस, अफगानिस्तान, इराक, मयांमार, सीरिया, यमन, सोमालिया, ISIS और अलकायदा का नाम शामिल है। पिछले साल यूक्रेन में जंग के चलते बच्चों पर हुए अत्याचार को देखते हुए रूस को इस सूची में जोड़ा गया था।
इससे पहले इजराइल-फिलिस्तीन विवाद के बीच UN की रिपोर्ट में कई बार यहां हो रही बच्चों की मौत का जिक्र किया गया था। हालांकि, अब तक कभी भी इन्हें लिस्ट में नहीं जोड़ा गया था।
गाजा में अकाल का खतरा, 23 लाख लोग भुखमरी की कगार पर
UN एक्सपर्ट्स के मुताबिक, गाजा में खाना, पानी, दवाइयों और दूसरे जरूरी सामानों की सप्लाई पर इजराइल की पाबंदी की वजह से वहां मानवीय संकट बढ़ गया है। गाजा के कई हिस्से में अकाल का खतरा है। इस हफ्ते की शुरुआत में UNICEF ने बताया था कि जंग के बीच 10 में से 9 फिलिस्तीनी बच्चे गंभीर खाद्य गरीबी में जिंदगी गुजार रहे हैं।
UN के मुताबिक गाजा की 23 लाख से ज्यादा आबादी भुखमरी के कगार पर है। सबसे बुरी स्थिति युद्ध के बीच जन्मे बच्चों की है। अप्रैल में गाजा के अस्पतालों में कुपोषण से 12 साल से कम उम्र के 30 बच्चों की मौत हो गई थी।
12 साल तक 'लिस्ट ऑफ शेम' में था भारत का नाम
साल 2010 में भारत का नाम भी इस लिस्ट में जोड़ा गया था। दरअसल इस सूची में उन देशों को भी शामिल किया जाता है जो अपने देश में बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए जरूरी कदम नहीं उठा रहे हैं। तब भारत के अलावा पाकिस्तान और फिलिपींस जैसे देशों को लिस्ट में जोड़ा गया था।हालांकि, पिछले साल एंटोनियो गुटेरेस ने इस लिस्ट से भारत का नाम हटा दिया। उन्होंने कहा था कि बच्चों की बेहतरी के लिए भारत सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों के बाद यह फैसला लिया गया।