टीम इंडिया के ऑलराउंडर रवींद्र जड़ेजा ने बुधवार को कहा कि इंग्लैंड को हराना कोई मुश्किल काम नहीं है। इंग्लैंड के खेलने का ढंग अलग है, वे अटैकिंग क्रिकेट खेलते है, और सीरीज जीतने के लिए हमें उन्हें समझना होगा।
भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैच की सीरीज का तीसरा मुकाबला कल यानी 15 फरवरी से राजकोट में खेला जाना हैं।
मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में रवींद्र जडेजा ने बोले, यह निराशाजनक है लेकिन इन दिनों क्रिकेट बहुत बढ़ गया है और यह हमेशा दिमाग में रहता है। मैं अपना 100 पर्सेंट देना चाहूंगा और चोट से बचने की कोशिश करूंगा।
सिंपल बॉलिंग पर फोकस करेंगे
जडेजा ने पहले टेस्ट के बारे में बात करते हुए कहा, अगर पहले टेस्ट की दूसरी पारी में छोटी गलतियां नहीं करते, तो हम नहीं हारते, जडेजा ने कहा कि भारत के लिए यह जरूरी है कि वह अपनी योजनाओं पर कायम रहे और इंग्लैंड की बैजबॉल (आक्रामक रणनीति) के खिलाफ अलग तरह से खेलने की कोशिश न करे।
उन्होंने कहा, टेस्ट क्रिकेट में बस लाइन पर सिंपल बॉलिंग करना जरूरी है, हम उसी पर फोकस करेंगे। अगर हम ऐसा करेंगे तो संभव है कि हम रन भी ज्यादा दें और विकेट भी न मिले। हम इसे सरल रखेंगे और उन्हें वह करने देंगे जो वे करना चाहते हैं, हमारे पास अपना गेम प्लान है और अगर हम उस पर टिके रहेंगे तो सफल होने की संभावना है।
राजकोट की पिच हर बार अलग होती है - जडेजा
जडेजा ने कहा, यहां (राजकोट) की पिच सपाट और सख्त है। कभी-कभी आपको तीन दिन में 37 विकेट मिल जाते हैं, लेकिन यह विकेट अच्छा दिखता है। यहां हर मैच में पिच अलग-अलग व्यवहार करती है। कभी-कभी यह सपाट रहता है, कभी-कभी यह टर्न करती है, कभी-कभी यह दो दिनों तक बल्लेबाज को मदद करती है, और फिर बदल जाती है।
मेरा मानना है कि पिच पहले फ्लैट होगी और फिर धीरे-धीरे गेंद घूमेगी। जडेजा राजकोट के है और सौराष्ट्र से ही डोमेस्टिक क्रिकेट खेलते हैं।
भारत में डेब्यू करना आसान - जडेजा
रजत पाटीदार के पिछले टेस्ट में डेब्यू करने और सरफराज खान और ध्रुव जुरेल को राजकोट में टेस्ट कैप सौंपे जाने की लाइन में होने पर, जडेजा ने कहा कि युवा खिलाड़ियों के पास मौजूदा परिस्थितियों में सफल होने के लिए बहुत अनुभव है।
ये सभी नए खिलाड़ी काफी फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने के बाद टीम में आ रहे हैं। ये अनुभवी खिलाड़ी हैं, वे जानते हैं कि लंबी पारी कैसे खेलनी है और उन्हें पता है कि टेस्ट क्रिकेट में यह कैसे होता है।
अगर वे ऑस्ट्रेलिया या साउथ अफ्रीका में टेस्ट डेब्यू कर रहे होते तो खिलाड़ी को इस बात का भी भरोसा नहीं होता कि वे प्रदर्शन कर पाएंगे या नहीं। उन्होंने कहा, यंग खिलाड़ियों के लिए भारत डेब्यू लिए बेस्ट जगह है क्योंकि वे ऐसे विकेटों पर काफी खेल चुके हैं और उन्हें इस बात का अंदाजा है कि पिच कैसा व्यवहार करेगी।