रायपुर । जशपुर की 10 वर्षीय बालिका बबिता को माता-पिता ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय बगिया पहुंचकर बच्ची के ईलाज के लिए फरियाद लगायी। यह बच्ची गुमसूम रहती थी, खेलने-कूदने में भी इसे दिक्कत होती थी। कैम्प कार्यालय के निर्देश पर इस बालिका का चिकित्सकीय परीक्षण हुआ।
परीक्षण में चिकित्सकों ने दिल में छेद होने की आशांका जतायी और बालिका को समुचित उपचार करने के लिए उनके माता-पिता को समझाईश दी गई। जिला प्रशासन जशपुर और चिरायु टीम के जरिए बबिता के दिल का एम्स रायपुर में सफल ऑपरेशन हुआ। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हो चुकी है। उसे कैम्प कार्यालय के जरिए नया जीवन मिला है।
बबिता के माता-पिता बच्ची के हृदय में छेद होने की जानकारी मिलने पर बहुत चिंतित हो गए थे। लेकिन जिला प्रशासन और कैम्प कार्यालय की मदद से उनकी दिक्कत दूर हो गई। चिरायु टीम के अमित भगत ने बताया बचपन से बबीता को दिल में छेद था, सांस लेने और दौडऩे भागने में भी दिक्कत आती थी। बबीता की मां जय कुमारी बाई और पिता झमेश राम ने बताया कि उनकी बेटी को जन्म से दिल में छेद होने का अंदेशा था। लेकिन आर्थिक तंगी और ईलाज में होने वाले खर्च को लेकर भी उन्हें दिक्कत महसूस हो रही थी।
जैसे ही उनका आवेदन कैम्प कार्यालय को मिला मुख्यमंत्री ने तत्काल बबीता का ईलाज करने के निर्देश दिए। जिला प्रशासन और चिरायु टीम बच्ची के घर जाकर पालकों से सम्पर्क किया और ईलाज की व्यवस्था की गई। बबीता के माता-पिता ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके सार्थक प्रयास से उनकी बच्ची पूरी तरह से ठीक हो गई है। वर्तमान में कक्षा 6वीं में पढ़ाई कर रहीं हैं। स्कूल आने जाने में भी किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आ रही है। अपनी बच्ची को हंसता मुस्कुराता देखना अच्छा लगता है।