रायपुर । भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरम लाल कौशिक ने कहा है कि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट अगर छत्तीसगढ़ की 11 में से 10 संसदीय क्षेत्रों में करारी पराजय के बाद भी संतोष व्यक्त कर रहे हैं, तो यह साफ समझा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में कांग्रेस अब इसी लायक ही बची है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार का जिम्मा लेने के लिए कोई तैयार नहीं है और सारे कांग्रेसी हार का ठीकरा फोड़ने के लिए एक-दूसरे का सिर तलाश रहे हैं। चुनाव से पहले से लेकर चुनाव में करारी हार और अब समीक्षा के नाम पर कांग्रेस में जिस तरह के नजारे पेश हो रहे हैं, कांग्रेस और उसके कर्णधारों के लिए इससे बड़ी राजनीतिक शर्म की बात और कुछ नहीं हो सकती।
कौशिक ने कहा कि 11 में से 10 लोकसभा सीटें हारने के बाद भी कांग्रेस पार्टी संतुष्ट है, कांग्रेस प्रभारी पायलट का बयान इस बात को प्रमाणित करता है कि कांग्रेस एक बहुत बड़ी लूजर पार्टी है और जीत उसका उद्देश्य ही नहीं है। 11 में से 10 सीट हारने के बाद भी कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अगर यह कहें कि हम एकजुटता से लड़े और वोट शेयर भी हमारा बरकरार रहा, तो राजनीति में इससे ज्यादा शर्मनाक बयान और कुछ नहीं हो सकता। छत्तीसगढ़ के नेता भी सचिन पायलट की ही सोच पर चल रहे हैं, जो हारने के बाद भी किसी प्रकार की जिम्मेदारी लेने का काम नहीं कर रहे हैं। लेकिन, पायलट को यह बताना चाहिए कि वह एकजुटता का नाटक रच रहे हैं तो कवासी लखमा का बयान क्या इशारा कर रहा है जिसमें लखमा ने कहा है कि हम आपसी फूट की वजह से हारे। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत का बयान कांग्रेस की किस एकजुटता का प्रदर्शन कर रहा है जिसमें महंत ने कहा था, 'मेरा किसी ने साथ नहीं दिया।' पूर्व मंत्री धनेंद्र साहू का बयान साफ करता है कि कांग्रेस में जो सत्ता से लेकर संगठन तक भ्रष्टाचार व्याप्त है, वही कांग्रेस की अंतर्कलह का बड़ा कारण है। सत्ता में रहकर कांग्रेसी केवल छत्तीसगढ़ को लूटते रहे और इसके कारण आज अंतर्कलह सामने दिखाई दे रही है। कौशिक ने पायलट से यह भी जानना चाहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जिस प्रकार भूपेश बघेल के खिलाफ मोर्चा खोला, क्या पायलट इन सब बातों को भी एकजुटता कहते हैं?