साउथ अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में केएल राहुल ने 137 गेंदों में 101 रन की पारी खेली। राहुल का शतक ऐसे समय में आया, जब भारत के टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल, कैप्टन रोहित शर्मा, शुभमन गिल, विराट कोहली और श्रेयस अय्यर बल्ले से कुछ खास नहीं कर पाए।
राहुल ने शतकीय पारी के बाद स्टार स्पोर्ट्स को दिए इंटरव्यू में सोशल मीडिया पर किए जाने वाली आलोचनाओं पर कहा कि जो लोग पहले मेरी आलोचना कर रहे थे, अब मेरी तारीफ कर रहे हैं। आपका प्रदर्शन ही सही मायने में ओलोचकों के लिए जवाब है। मैं सोशल मीडिया से दूर रहने लगा, इससे आप जितना दूर रहेंगे आप खुश रहेंगे।
आलोचनाओं से हो गया था डिस्टर्ब
राहुल ने कहा, आप लोगों को बदल नहीं सकते। लोगों को कहने की आजादी है, लेकिन कुछ चीजें काफी दुख देने वाली होती है। अगर कोई कहता है कि सोशल मीडिया पर कि जाने वाली बातों से फर्क नहीं पड़ता है, वह झूठ बोलता है।
मैं अब पीछे देखता हूं कि तो लगता है कि इसे अलग नजरिए से भी देख सकता था। मैं उस समय मानसिक रूप से उस तरह की आलोचना सहने की स्थिति में नहीं था। मैं उस समय ये सोचता था कि मैं क्या कर रहा हूं, मैं क्यों इन चोटों से गुजर रहा हूं और कई लोग मेरी आलोचना क्यों कर हैं। अब मुझे लगता है कि यह सफर का हिस्सा था। आपको अच्छी ओर बुरी चीजें संतुलित तरीके से लेने की जरूरत है।
चोट की वजह से क्रिकेट से दूर रहने के दौरान अपने पर काम किया
राहुल ने कहा कि चोट की वजह से जब मैं क्रिकेट से दूर था, तब मैं अपने पर फोकस किया। जब आप इंटरनेशनल लेवल पर खेलते हैं, तब आपको एक व्यक्ति के रूप में भी चुनौती का सामना करना पड़ा है, क्योंकि आप उस समय एक पर्सनाल्टी के रूप में जाने जाते हैं। खेल से दूर रहने पर मैंने अपने व्यक्तिव के विकास पर काम किया, क्योंकि इस समय में इसमें मेरी मदद के लिए लोग मौजूद थे।
दूसरे-दिन इस पिच पर बैटिंग करना आसान
राहुल ने कहा, सेंचुरियन की पिच पर बल्लेबाजी करना कठिन था, लेकिन दूसरे और तीसरे दिन इस तरह की पिचों पर बैटिंग करना आसान होता है। दूसरे दिन जब मैंने 7-8 ओवर बल्लेबाजी कर लिया, तो मुझे महसूस हुआ कि बैटिंग करना अब आसान है।
वहीं राहुल ने सुनील गावस्कर के प्रति भी आभार जताया। गावस्कर ने कहा था कि राहुल की पारी भारत की 10 बेहतर पारियों में से एक है।