कोरबा कोरबा जिलान्तर्गत एसईसीएल की खदानों के विस्थापितों के लिए रोजगार की मांग लगातार बढ़ते जा रही है। प्रभावित परिवारों को रोजगार देने का वादा किया था, पर अभी तक अमल नहीं किया है। इस पर किसान सभा ने 10 दिसंबर को खदान बंद करने की चेतावनी दी है।
किसान सभा ने इस संबंध में गेवरा कार्मिक प्रबंधक वेंकटेश्वर लू को ज्ञापन सौंपा। इसमें एसईसीएल के अधीनस्थ कार्य कर रही आउटसोर्सिंग कंपनियों में शत-प्रतिशत कार्य विस्थापित बेरोजगारों को उपलब्ध कराने की मांग किसान सभा ने की है। किसान सभा का सचिव प्रशांत झा ने आरोप लगाते कहा कि विस्थापन प्रभावित गांव के बेरोजगारों द्वारा इन कंपनियों में रोजगार के लिए आवेदन भी दिया गया है, लेकिन उन्हें रोजगार उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
किसान सभा का कहना है कि उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की नैतिक जिम्मेदारी एसईसीएल की है, लेकिन वह इसे पूरा करने से इंकार कर रही है, जिसके कारण उन्हें खदान बंदी आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ रहा है। किसान सभा ने कहा कि एसईसीएल प्रबंधन द्वारा बेरोजगारों को ठेकेदारी में हिस्सा दिए जाने के प्रस्ताव से सहमत नहीं है,
क्योंकि ठेकेदारी रोजगार का कोई विकल्प नहीं है और न ही इस क्षेत्र के विस्थापित परिवारों की आर्थिक क्षमता है कि ठेकेदारी कर सके। जो किसान परिवार अपनी जमीन से हाथ धो चुके हैं, उन विस्थापित परिवारों की सुनिश्चित आय और बेहतर जीवन के लिए किसान सभा सभी बेरोजगारों के लिए रोजगार की मांग पर संघर्ष कर रही है। इस दौरान प्रमुख रूप से जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा, दीपक साहू, जय कौशिक शामिल थे।