बिलासपुर । बिलासपुर संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेण्ड्रा जिले के महतारी दुलार योजना से लाभान्वित हितग्राहियों तथा कोविड-19 में मृतक हितग्राही परिवारों से बातचीत की। महतारी दुलार योजना से लाभान्वित स्वामी आत्मानंद स्कूल के बच्चों ने संभागायुक्त डॉ. अलंग से अपने अनुभव साझा किए तथा योजना से मिल रहे लाभों के बारे में भी बताया। कार्यक्रम में डिप्टी कमिश्नर श्रीमती अर्चना मिश्रा, अखिलेश साहू, शिक्षा विभाग बिलासपुर के संयुक्त संचालक आर.एन.हीराधर मौजूद रहे।
डॉ. अलंग ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल सेमरा के कक्षा 10 वीं के छात्र याशर कुरैशी से बात की और योजना से मिल रहे लाभों के बारे में जानकारी ली। छात्र याशर कुरैशी ने बताया कि उसे महतारी दुलार योजना के अंतर्गत सेमरा के आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में एडमिशन मिला और स्कूल में प्रतिमाह एक हजार की दर से दस हजार की छात्रवृत्ति भी प्रदान की गयी है। याशर ने बताया कि वह छात्रवृत्ति में मिली राशि का उपयोग अपने पढ़ाई-लिखाई में कर रहे हैं। याशर ने बताया कि स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ाई-लिखाई का बेहतर माहौल है, यहाँ की पढ़ाई पेण्ड्रा के अन्य स्कूलों की तुलना में काफी अच्छी है। याशर ने बताया कि स्कूल में अंग्रेजी बोलने का अच्छा अभ्यास कराया जाता है और व्यक्तित्व विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है।
संभागायुक्त डॉ. अलंग ने अंग्रेजी माध्यम स्कूल सेमरा की कक्षा दसवीं की छात्रा भूमि ओट्टी से बातचीत की। भूमि ने बताया कि स्कूल में आकर काफी अच्छा लग रहा है, यहाँ पढ़ाई भी अच्छी होती है। बात-चीत के दौरान नौवीं के छात्र अनिरुद्ध पैकरा ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई-लिखाई का बेहतर माहौल है और यहाँ छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है, जिससे अब पढ़ाई-लिखाई संबंधी जरूरी चीजें खरीदना आसान हो गया है।
संभागायुक्त डॉ. अलंग ने कोरोना के दौरान मृतक परिवारों से भी बात-चीत की जिन्हें योजना के अंतर्गत एक्सग्रेशिया की राशि प्रदान की गयी है। हितग्राही मथुरा सोनी ने बताया कि कोरोना के दौरान पत्नी की मौत हो गयी और जीवन अधूरा सा लग रहा था इस दौरान शासन की मदद से एक्सग्रेशिया की 50 हजार की राशि प्रदान की गई। श्री मथुरा ने खुशी व्यक्त करते हुए शासन के प्रति अपना आभार जताया।
डॉ. अलंग ने हितग्राही शांति ओट्टी से बातचीत की। शांति ने बताया कि पति रविन्द्र ओट्टी पेण्ड्रा में सहायक ग्रेड 2 के पद पर पदस्थ थे। कोरोना संक्रमण से उनकी मृत्यु हो गई, ऐसे परिस्थिति में परिवार चलाना काफी कठिन हो गया था। इस दौरान शासन द्वारा योजना अंतर्गत अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई। जिससे परिवार की देखरेख करना अब आसान हो गया है। शांति ने बताया कि वह पांच छोटी-छोटी बेटियों का पालन-पोषण करने के साथ परिवार भी चला रही है, डॉ. अलंग ने शांति को सुकन्या समृद्ध योजना के अंतर्गत बेटियों का खाता खुलवाने की सलाह दी तथा संबंधित अधिकारियों को भी सप्ताह के भीतर खाता खुलवाने के लिए निर्देशित किया।
डॉ. अलंग ने कहा कि परिवार में किसी की मृत्यु होना काफी दुखदायी होता है। ऐसे में हमें संवेदनशीलता दिखाते हुए संबल देने की आवश्यकता होती है। शासन ने इस भूमिका को न केवल पूरी संवेदनशीलता से समझा है बल्कि इस दिशा में कार्य भी कर रही है।
गौरतलब है कि कोरोना में बेसहारा हुए बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए महतारी दुलार योजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत ऐसे बच्चे जिनके परिवार से कोविड-19 की वजह से माता या पिता अथवा दोनों की मौत हो गई हो, उन्हें शासन द्वारा नि:शुल्क स्कूली शिक्षा प्रदान की जाएगी। योजना के अंतर्गत पहली से आठवीं के बच्चों को 500 रूपए प्रतिमाह तथा नवमीं से बारहवीं के बच्चों को 1000 रूपए प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है।