नई दिल्ली / भारतीय ऐप्स के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन और उसका निर्माण करने के उद्देश्य से अटल इनोवेशन मिशन - नीति आयोग के साथ साझेदारी में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारतीय तकनीकी उद्यमियों और स्टार्टअप्स के लिए डिजिटल इंडिया आत्म-निर्भर भारत ऐप इनोवेशन चैलेंज का शुभारम्भ किया। इसे प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के निर्माण की परिकल्पना को साकार करने और आत्म-निर्भर भारत के निर्माण में डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने में मदद करने के उद्देश्य से बनाया गया है।
यह 2 ट्रैकों में चलेगा: मौजूदा ऐप्स का संवर्द्धन और नए ऐप्स का विकास।
लॉन्च किए जा रहे ट्रैक 1 ऐप इनोवेशन चैलेंज का ध्यान उन सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऐप की पहचान करने पर होगा जिनका पहले से ही नागरिकों द्वारा उपयोग किया जा रहा है और उनमें कुछ और सुधार की गुंजाइश है तथा वे अपनी श्रेणी में विश्व स्तर का ऐप बनने की क्षमता रखते हों। लीडर बोर्ड पर ऐप दिखाने के लिए विभिन्न नकद पुरस्कारों और प्रोत्साहन के साथ यह इनोवेशन चैलेंज एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की कोशिश करेगा जहां भारतीय उद्यमियों और स्टार्टअप को टेक समाधानों का निर्माण करने, पोषण करने और उन्हें बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा जो न केवल भारत के नागरिकों के बल्कि दुनिया भर के लोगों के काम आएगा। मंत्र है ‘मेक इन इंडिया फॉर इंडिया एंड द वर्ल्ड’ यानी भारत सहित पूरी दुनिया के लिए भारत में निर्माण। यह एक महीने में पूरा हो जाएगा।
इस ऐप इनोवेशन चैलेंज के बाद सरकार आत्म-निर्भर भारत ऐप इनोवेशन चैलेंज के ट्रैक 2 को भी लॉन्च करेगी जो भारतीय स्टार्ट-अप / उद्यमियों / कंपनियों की पहचान करने का काम करेगा और उन्हें नए विचार लाने, उन्हें पोषित करने (इन्क्यूबेशन), उनकी प्रतिमूर्ति बनाने (प्रोटोटाइप) और उनके अनुप्रयोगों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। यह ट्रैक लंबे समय तक चलेगा, जिसका विवरण अलग से प्रदान किया जाएगा।
आत्म-निर्भर भारत ऐप इनोवेशन चैलेंज ट्रैक 1 को निम्नलिखित 8 व्यापक श्रेणियों में लॉन्च किया जा रहा है:-
इस प्रत्येक श्रेणी के भीतर कई उप श्रेणियां हो सकती हैं।
इनोवेशन चैलेंज 4 जुलाई 2020 से innovate.mygov.in/app-challenge पर उपलब्ध होगा। प्रविष्टियों को जमा करने की अंतिम तिथि 18 जुलाई 2020 है। आवेदकों को अपना प्रस्ताव जमा कराने के लिए माय गोव पोर्टल www.mygov.in पर लॉग ऑन करके पंजीकरण कराकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
निजी क्षेत्र और शिक्षाविदों के विशेषज्ञों के साथ प्रत्येक ट्रैक के लिए एक विशिष्ट जूरी प्राप्त आवेदनों का मूल्यांकन करेगी। संक्षिप्त सूची में शामिल (शॉर्टलिस्ट) किए गए ऐप्स को पुरस्कार दिए जाएंगे और नागरिकों की जानकारी के लिए उन्हें लीडर बोर्ड पर भी दिखाया जाएगा। सरकार भी उपयुक्त एप्स को अपनाएगी, उन्हें आगे बढ़ाने में अपना मार्गदर्शन देगी और सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पर सूचीबद्ध भी करेगी।
मूल्यांकन के प्रमुख मापदंडों में उपयोग में आसानी (यूआई / यूएक्स),मजबूती,सुरक्षा और मापनीयता शामिल होगी।