रायपुर, ।आज से लगभग 5 माह पूर्व टाईगर रिजर्व अचानकमार जंगल में घायल अवस्था में रेस्कयू की गई बाघिन के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। फिलहाल यह उम्रदराज बाघिन चिकित्सकों की निगरानी में है, जो उसके उपचार पर लगातार ध्यान रख रहे हैं। बाघिन की बढ़ती उम्र और उसके स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए उपचार प्रबंधन समिति ने बाघिन को जंगल में न छोड़ने तथा उसे नियमित रूप से वेटनरी सपोर्ट दिए जाने की सिफारिश की है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि गंभीर रूप से घायल अवस्था में रेस्क्यू की गई बाघिन के उपचार प्रबंधन के लिए मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एस. जगदीशन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति गठित की गई है। उपचार प्रबंधन समिति ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि बाघिन पूर्ण रूप से चैतन्य, सक्रिय एवं संवेदनशील है। शरीर के सभी घाव भर चुके हैं। उसके व्यवहार में काफी सुधार हुआ है। अभी उसके उम्रदराज होने के कारण स्वास्थ्य संबंधी देखभाल की जरूरत है।
गौरतलब है कि 7 जून 2021 को अचानकमार जंगल में एक बाघिन के घायल होने की सूचना मिली थी। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के निर्देश पर वन विभाग के अधिकारियों की टीम ने घायल बाघिन का तत्काल रेस्क्यू किया और उसे सुरक्षित रूप से इलाज के लिए कानन पेण्डारी बिलासपुर ले आई। घायल बाघिन का 8 जून को ऑपरेशन तथा अन्य उपचार किया गया। तब से लेकर आज तक वन विभाग के अधिकारी, उपचार प्रबंधन समिति के सदस्य तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम घायल बाघिन के स्वास्थ्य पर निगरानी बनाए हुए हैं। बेहतर प्रबंधन और इलाज की वजह से बाघिन के स्वास्थ्य में अब सुधार आया है, परंतु बाघिन की बढ़ती उम्र और उसके स्वास्थ्य की स्थिति ऐसी नहीं है, कि उसे जंगल में छोड़ा जा सके।
बाघिन के पिछले बांये पैर की स्थिति में भी सुधार हुआ है, किन्तु इंफ्लामेशन अभी भी है, जिसके कारण पिछले पैर में लंगडाहट है। पिछले एक्स-रे रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई है कि बाघिन को प्रोग्रेसिव ऑस्टियो आर्थराइटिस है। किडनी टेस्ट में परिवर्तन आया है। इन दोनों का मुख्य कारण बाघिन का उम्रदराज होना है। रक्त के सभी पैरामीटर में भी सुधार हुआ है। बाघिन के बायें पैर के एक्सरे के अवलोकन से ऑस्टियो आर्थराइटिस है जिसके सुधार में अधिक समय लगने की संभावना है। बाघिन के इन्क्लोजर में सूर्य के प्रकाश की कमी है जिसके कारण इन्क्लोजर में नमी बनी हुई है।