बिलासपुर । छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान सिम समय 2013-14 के दौरान तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में 318 पदों पर भर्ती की गई थी नियुक्ति के 7 साल बाद भी परिवीक्षा अवधि समाप्त नहीं करने और वेतन वृद्धि की मांग को लेकर कर्मचारी और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा चुके हैं इसका सीधा असर मरीजों पर पड़ रहा है ऑपरेशन समेत सभी प्रकार की जांच बंद हो गई है वार्डों में मरीज परेशान होते नजर आ रहे हैं इसके अलावा सिम्स पहुंचने वाले परिजन अपने मरीजों को उठाकर ले जाने के लिए मजबूर है और जिनके साथ कोई भी नहीं पहुंचता उनका तो फिर भगवान ही मालिक है.. उपचार नहीं होने के कारण अब तक कई मरीजों की जान भी जा चुकी है इसके बावजूद भी हड़ताल खत्म कराने में सिम्स से प्रबंधन नाकाम नजर आ रहा है.. मांगो और हड़ताल खत्म करने को लेकर सेंसर प्रबंधन और स्वास्थ्य कर्मियों के बीच अब तक 5 बार बैठक हो चुकी है बावजूद इसके कोई नतीजा नहीं निकल पाया है.. इसके अलावा कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच मामला नहीं सुलझने की सबसे बड़ी वजह सिम्स भर्ती घोटाले को बताया जा रहा है.. कर्मचारियों की हड़ताल का असर एमबीबीएस छात्रों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है.. एमबीबीएस द्वितीय तृतीय और फाइनल ईयर के छात्रों की 13 सितंबर से परीक्षा है कर्मियों की हड़ताल के कारण छात्रों को प्रवेश पत्र और उत्तर पुस्तिकाएं नहीं मिल रही है।