माले: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने बीते साल पद संभालने के बाद से ही लगातार चीन के लिए नरम रुख अपनाया है, वहीं भारत पर वह कठोर रहे हैं। मोहम्मद मुइज्जू ने 8 से 12 जनवरी तक चीन का दौरा किया था। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे, जिन्हें दोनों देशों ने संबंधों को मजबूत करने और आम लोगों के हित में बताया था। इन समझौतों को लेकर अब एक नई बात सामने आई है। इन समझौतों में से कुछ ऐसे भी हैं, जिनको सीक्रेट रखा गया है। मालदीव की मुइज्जू सरकार समझौतों के कई अहम बिन्दुओं को उजागर नहीं कर रही है।अधाधू डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ चीन गए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की यात्रा के दौरान आर्थिक मंत्रालय ने चीन के साथ चार समझौतों पर हस्ताक्षर किये। मालदीव की ओर से आर्थिक विकास मंत्री मोहम्मद सईद ने समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। अधाधू ने सूचना के अधिकार कानून के तहत चार समझौतों के बारे में अलग-अलग जानकारी मांगी तो मंत्रालय ने विवरण देने से इनकार कर दिया। मंत्रालय ने सरकारी नीति की बात कहते हुए कानून के अनुच्छेद 31 का हवाला देकर चार अलग-अलग अनुरोधों का पालन करने से इनकार कर दिया।चार समझौतों पर जानकारी नहीं
चीन ने भी मालदीव के राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित 20 समझौतों के अधिक विवरण का खुलासा करने से इनकार किया है। इसके बाद मालदीव के आर्थिक मंत्रालय की ओर से हस्ताक्षरित चार समझौतों का वर्गीकरण भी नहीं दिया गया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने 11 जनवरी, 2024 को कहा था कि हम मालदीव के राष्ट्रपति की चीन की राजकीय यात्रा पर हमने रीडआउट जारी कर दिया है। इसके अलावा और कोई जानकारी नहीं है।
चीन के विवरण देने से इनकार करने के बावजूद मालदीव सरकार ने कहा था कि वह चीन के साथ हस्ताक्षरित समझौतों के विवरण का खुलासा करेगी लेकिन ऐसा नहीं किया गया। आर्थिक मंत्रालय की ओर से जो चार समझौते गोपनीय रखे गए हैं। वो हैं- आर्थिक विकास नीति के क्षेत्र में आदान-प्रदान और सहयोग पर समझौता, डिजिटल अर्थव्यवस्था सहयोग को मजबूत करने पर समझौता, बेल्ट और रोड पहल पर संयुक्त रूप से तेजी लाने पर समझौता और हरित विकास में निवेश सहयोग को बढ़ावा देने पर समझौता।