नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने कहा है कि अब चयन के लिए जरुरी यो-यो परीक्षण को कठिन नहीं बनाया जाएगा। हाल में देखा गया है कि कई अच्छे खिलाड़ी भी यो-यो टेस्ट में पास नहीं होने के कारण ही टीम से बाहर हो जाते हैं। इससे पहले बोर्ड ने हाल ही में कहा था कि जो खिलाड़ी यो-यो टेस्ट पास करने में नाकाम रहे हैं, उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2022 में खेलने की अनुमति नहीं दी जाएगी पर अब बोर्ड का रुख बदल गया है।
उसका माना है कि इस टेस्ट से खिलाड़ियों की मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि हमारे पास खिलाड़ी के लिए यो-यो टेस्ट को और जटिल बनाने की कोई योजना नहीं है। क्योंकि यह खिलाड़ियों के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ है।
आजकल काफी ज्यादा क्रिकेट हो रहा है जिससे खिलाड़ी मानसिक रुप से थके रहते हैं , ऐसे में उनपर यो-यो टेस्ट से अनावश्यक दबाव नहीं डाला जा सकता। कोरोना महामारी के बाद से ही खिलाड़ियों की थकान का मुख्य कारण लंबे समय तक बायो-बबल (जैव सुरक्षा घेरे में रहना है) इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो रहा है।