वॉशिंगटन । यूरोप और एशिया में जारी तनाव के बीच दुनिया की पांच महाशक्तियों ने अपने परमाणु हथियारों को लेकर संयुक्त रूप से बड़ा ऐलान किया है। इन देशों ने कहा है कि उनके परमाणु हथियार एक दूसरे के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे परमाणु हथियारों वाले देशों के बीच किसी भी युद्ध से बचने और रणनीतिक जोखिमों को कम करने को अपनी सबसे बड़ी जिम्मेदारी मानते हैं।
संयुक्त बयान को रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन ने जारी किया है। रूसी राष्ट्रपति ऑफिस क्रेमलिन और अमेरिकी राष्ट्रपति ऑफिस ह्वाइट हाउस ने अपनी-अपनी बेबसाइट्स पर बयान को जारी करते हुए लिखा कि हम परमाणु हथियारों के अनधिकृत या अनपेक्षित उपयोग को रोकने के लिए अपने राष्ट्रीय उपायों को बनाए रखने और मजबूत करने का इरादा रखते हैं। इसके तहत परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से पहले शीर्ष स्तर पर मंजूरी लेना शामिल है।
इसके अलावा पांचो देशों ने कहा कि हम अपने परमाणु हथियारों के निशाने पर पिछले बयानों की वैधता को दोहराते हैं। उन्होंने कहा कि हम पुष्टि करते हैं कि हमारा कोई भी परमाणु हथियार एक दूसरे पर या किसी अन्य पर लक्षित नहीं है। दोनों देशों ने कहा कि हम पुष्टि करते हैं कि परमाणु से युद्ध को नहीं जीता जा सकता है और इसे कभी भी नहीं लड़ा जाना चाहिए। पांचों देशों ने कहा कि चूंकि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के दूरगामी परिणाम होंगे, इसलिए हम इसका इस्तेमाल रक्षात्मक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ही करेंगे। इससे हम आक्रामकता को रोकेंगे और युद्ध को टालने के लिए इस्तेमाल करेंगे। हम दृढ़ता से मानते हैं कि इस तरह के हथियारों के और प्रसार को रोका जाना चाहिए। पांचों राष्ट्रों ने परमाणु अप्रसार संधि के तहत दायित्वों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
उल्लेखनीय है कि दुनिया के नौ परमाणु क्षमता वाले देशों के पास इस समय कुल मिलाकर 13,080 परमाणु हथियार हैं। इनमें रूस के पास 6,255, जबकि अमेरिका के पास 5,550 परमाणु हथियार हैं। इनके अलावा, फ्रांस के पास 290, ब्रिटेन के पास 225, इजरायल के पास 90 जबकि नॉर्थ कोरिया के पास 40-50 न्यूक्लियर हथियार हैं। इन आकड़ों के बिल्कुल सटीक होने का दावा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि हर देश अपने परमाणु कार्यक्रमों को बिल्कुल गुप्त रखते हैं। रूस और अमेरिका को छोड़कर बाकी सभी सात देश अब भी परमाणु हथियार बनाने में जुटे हैं या उनकी तैनाती कर रहे हैं।
चीन अपने परमाणु हथियार के भंडार को बढ़ाने और इसका आधुनिकीकरण करने की दिशा में आधा रास्ता तय कर चुका है। पाकिस्तान भी अपना परमाणु हथियार के खजाने में इजाफा कर रहा है।