आईडब्ल्यूएल में दो इंडियन सुपर लीग (ISL) की महिला टीमें भी हैं। साथ ही तीन बार की चैंपियन गोकुलम केरला भी है, जो विदेशों में प्रतियोगिता खेलने वाली भारत की पहली महिला टीम थी। अब यह भी बदलाव हुआ है कि महिला फुटबॉल खिलाड़ियों को क्लब प्रोफेशनल कॉन्ट्रैक्ट भी देते हैं। बड़ी खिलाड़ी सालाना 6-7 लाख रुपये कमाती हैं। एक क्लब अधिकारी ने कहा कि उन्हें आश्चर्य नहीं होगा अगर टॉप खिलाड़ियों की सैलरी 10-12 लाख रुपये तक पहुंच जाए। चौबे ने कहा कि अगर हमें महिला विश्व कप के लिए क्वालीफाई करना है तो हमें मैचों की संख्या बढ़ानी होगी और खिलाड़ियों के लिए बेसिक सुविधाएं देनी होंगी।
भारतीय फुटबॉल संघ महिला फुटबॉल टीम को ज्यादा से ज्यादा मैच खिलाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए भारतीय खेल प्राधिकरण से ट्रेनिंग और प्रतियोगिताओं के लिए सालाना बजट देने की मांग की गई है। एक टूर्नामेंट तो चुनाव की वजह से रुक गया। चौबे के अनुसार, हैदराबाद मई के आखिर में होने वाली फीफा विंडो (28 मई से 4 जून) में चार देशों का टूर्नामेंट आयोजित करने को राजी था, लेकिन आखिरी दिन चुनाव की मतगणना से टकरा रहा था।
अब उम्मीद है कि भारतीय महिला टीम उज्बेकिस्तान में तीन देशों के टूर्नामेंट में खेलेगी। इसमें बेलारूस भी शामिल है। एआईएफएफ जुलाई में भारत में होने वाले टूर्नामेंट में फिजी और हॉन्ग कॉन्ग को शामिल करने के लिए भी उनसे बातचीत कर रहा है। चौबे ने बताया कि हर तिमाही में एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट कराने की योजना है। एआईएफएफ ऐसी टीमों के साथ मैच कराने की कोशिश कर रहा है जिनकी फीफा रैंकिंग भारत के बराबर हो।
भारतीय फुटबॉल संघ महिला फुटबॉल टीम को ज्यादा से ज्यादा मैच खिलाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए भारतीय खेल प्राधिकरण से ट्रेनिंग और प्रतियोगिताओं के लिए सालाना बजट देने की मांग की गई है। एक टूर्नामेंट तो चुनाव की वजह से रुक गया। चौबे के अनुसार, हैदराबाद मई के आखिर में होने वाली फीफा विंडो (28 मई से 4 जून) में चार देशों का टूर्नामेंट आयोजित करने को राजी था, लेकिन आखिरी दिन चुनाव की मतगणना से टकरा रहा था।
अब उम्मीद है कि भारतीय महिला टीम उज्बेकिस्तान में तीन देशों के टूर्नामेंट में खेलेगी। इसमें बेलारूस भी शामिल है। एआईएफएफ जुलाई में भारत में होने वाले टूर्नामेंट में फिजी और हॉन्ग कॉन्ग को शामिल करने के लिए भी उनसे बातचीत कर रहा है। चौबे ने बताया कि हर तिमाही में एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट कराने की योजना है। एआईएफएफ ऐसी टीमों के साथ मैच कराने की कोशिश कर रहा है जिनकी फीफा रैंकिंग भारत के बराबर हो।