ओली का वादा, सत्ता में आने पर कालापानी, लिंपियाधुरा, लिपुलेख को बातचीत के द्वारा भारत से ले लेंगे वापस

Updated on 27-11-2021 10:04 PM

काठमांडू नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और मुख्य विपक्षी दल सीपीएन-यूएमएल के मुखिया केपी शर्मा ओली ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह भारत से कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख क्षेत्रों को बातचीत के जरिएवापस ले लेंगे।लिपुलेख दर्रा कालापानी के पास एक सुदूर पश्चिमी बिंदु है, जो नेपाल और भारत के बीच एक विवादित सीमा क्षेत्र है।

भारत और नेपाल दोनों कालापानी को अपने क्षेत्र के अभिन्न अंग के रूप में दावा करते हैं। भारत उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के हिस्से के रूप में और नेपाल धारचूला जिले के हिस्से के रूप में इस पर दावा करता है।

काठमांडू से 160 किलोमीटर दक्षिण में चितवन में नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के 10वें आम सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए ओली ने दावा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में वापस आती है तो वहभारत से बातचीत के माध्यम से लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख जैसे विवादित क्षेत्रों को वापस ले लेगी।उन्होंने कहा, ‘हम बातचीत के जरिए समस्याओं के समाधान के पक्ष में हैं, कि पड़ोसियों से दुश्मनी करके।

ओली ने विश्वास जताया कि सीपीएन-यूएमएल अगले साल होने वाले आम चुनाव में सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत के रूप में उभरेगा। भारत द्वारा उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे को धारचूला से जोड़ने वाली 80 किलोमीटर लंबी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सड़क आठ मई, 2020 को खोले जाने के बाद द्विपक्षीय संबंध तनावपूर्ण हो गये थे। नेपाल ने सड़क के उद्घाटन का विरोध करते हुए दावा किया था कि यह उसके क्षेत्र से होकर गुजरती है।

कुछ दिनों बाद, नेपाल लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने क्षेत्रों के रूप में दिखाते हुए एक नया नक्शा लेकर आया। भारत ने इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। अपने संबोधन में, ओली ने कहा कि उनकी पार्टीनेपाल की स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

इस बीच, उद्घाटन कार्यक्रम को विशेष अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने सभी राजनीतिक दलों से देश के विकास के लिए एक साथ आने और हाथ मिलाने का आग्रह किया। सम्मेलन की सफलता की कामना करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम सभी संविधान का मसौदा तैयार करने वाले थे, अब समय गया है कि हम सभी देश के विकास के लिए आगे बढ़ें।

नेपाल के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं के अलावा, बांग्लादेश, भारत, कंबोडिया और श्रीलंका सहित विभिन्न देशों की पार्टियों के प्रतिनिधियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और पूर्व मंत्री हर्षवर्धन उन विदेशी प्रतिनिधियों में शामिल थे, जिन्होंने आम सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लिया।


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