कोरबा । कलेक्टर अजीत वसंत के मार्गदर्शन में जिले में प्राकृतिक आपदा से हुए जनहानि के मामले में प्रभावितों को शीघ्रता से राहत पहुंचाने के लिए जिले के एनआईसी विभाग द्वारा ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया गया है। साथ ही विभिन्न चरणों में आवेदनों के निराकरण हेतु टाइम लाइन निर्धारित की गई है। पोर्टल के माध्यम से जिले में आरबीसी 6-4 के प्रकरण के निराकरण में तेजी आएगी एवं इसका लाभ प्रभावित परिजनों को मिलेगा। पोर्टल में नए आवेदन के दर्ज होने के अधिकतम 2 माह के अंदर आवेदन का पूर्ण निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही प्रकरण के चरणों मे लंबित स्थिति की जानकारी भी प्रदर्शित होगी जिसका उच्च अधिकारी द्वारा मॉनिटरिंग किया जाएगा। जिससे अधिकारी द्वारा प्रकरण का समय सीमा में निराकरण किया जाएगा।
कलेक्टर अजीत वसंत ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से होने वाले आकस्मिक मृत्यु से पीड़ित परिवारों को जल्द से जल्द राहत दिलाने के लिए पोर्टल तैयार किया गया है । जिले में आगामी माह से पोर्टल के माध्यम से ही आरबीसी 6-4 प्रकरणो का निराकरण होगा। इस हेतु सभी राजस्व अधिकारी पोर्टल के उपयोग के सम्बंध में आवश्यक जानकारी प्राप्त कर लें एवं अपने कार्यालय में कर्मचारियों को भी पोर्टल उपयोग की जानकारी प्रदान करें। जिससे उन्हें पोर्टल के
उपयोग में किसी प्रकार को परेशानी नहीं हो। कलेक्टर ने पोर्टल के सफल क्रियान्वयन हेतु सभी अधिकारियों को विभागीय समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए। जिससे समय पर आवश्यक सभी दस्तावेज उपलब्ध हो सके। जनपद से मृत्यु प्रमाण पत्र, स्वास्थ्य विभाग से पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पुलिस विभाग से अंतिम जांच रिपोर्ट समय पर उपलब्ध हो एवं आवेदन के निराकरण निर्धारित टाइम लाइन में हो सके। कलेक्टर ने सभी तहसील कार्यालयों में आरबीसी 6-4 के आफलाइन दर्ज सभी प्रकरणो को पोर्टल में एंट्री सुनिश्चित करने निर्देशित किया। साथ ही एसडीएम को पोर्टल में दर्ज आवेदनों की सतत मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
आरबीसी 6-4 के तहत परिजनों को मिलने वाली राशि के लिए उन्हें अनावश्यक परेशान नही होना पड़ेगा एवं कार्यालयों के चक्कर भी लगाने नही पड़ेंगे। ग्राम स्तर पर पटवारी द्वारा पोर्टल में आवेदन दर्ज किया जाएगा। पोर्टल में आवेदन की प्रक्रिया बहुत ही सरल है, जहां किसी व्यक्ति के मृत्यु होने के पश्चात सम्बंधित ग्राम के पटवारी द्वारा 7 दिवस के अंदर नया आवेदन दर्ज किया जाएगा। आवेदन के दर्ज होने के साथ ही प्रकरण तहसीलदार के सेक्शन में प्रदर्शित होगी। अधिकतम 10-15 दिवस में तहसीलदार को प्रकरण का निराकरण कर आगे एसडीएम स्तर पर निराकरण के लिए ऑनलाइन प्रेषित किया जाएगा। इसी प्रकार एसडीएम सेक्शन से आवेदन अपर कलेक्टर के सेक्शन में प्रेषित होगा। इस प्रकार आवेदनों का निराकरण में लगने वाले समय मे निश्चित ही कमी आएगी जिसका लाभ प्रभावितों के परिवार वालो को मिलेगा।