रायपुर। रायपुर में कोयला व्यापारी और सड़क ठेकेदार से लेवी वसूलने की सुपारी लेने वाले झारखंड के गैंगस्टर अमन साहू को प्रोटेक्शन वारंट में यहां लाकर 22 जुलाई को कोर्ट में पेश करने का आदेश है, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी रायपुर पुलिस अमन को यहां लेकर नहीं आ पा रही है।
दरअसल, दो बार झारखंड के गढ़वा फिर गिरीडीह जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू को लाने के लिए रायपुर पुलिस गई थी लेकिन जेल प्रबंधन के साथ स्थानीय पुलिस ने यह हवाला देकर कस्टडी में देने से मना कर दिया कि उसके खिलाफ दर्जनों केस यहां चल रहे है।
आप चाहे तो वीसी के जरिए पूछताछ कर सकते है।
झारखंड पुलिस के इस सलाह के बाद रायपुर पुलिस खाली हाथ लौट आई है। अब सड़क ठेकेदार प्रहलाद राय अग्रवाल के दफ्तर के बाहर हुई फायरिंग की घटना के बाद तीसरी बार रायपुर पुलिस अमन को लाने झारखंड जाने की तैयारी में है।
13 जुलाई को सड़क और कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़े तेलीबांधा रिंग रोड स्थित पीआरए ग्रुप के दफ्तर के बाहर फायरिंग की घटना के बाद से पुलिस को अमन साहू और मलेशिया में बैठे मयंक सिंह गैंग के दो अज्ञात शूटरों की तलााश है। साथ ही 23 मई को शहर में कोयला व कंस्ट्रक्शन कारोबारियों की हत्या करने के इरादे से पहुंचे इस गैंग के चार शूटरों को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
इस मामले में रायपुर पुलिस ने 10 जून को रायपुर कोर्ट से झारखंड के गढ़वा जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू को रायपुर लाने प्रोडक्शन वारंट जारी करवाया। जब पुलिस टीम गढ़वा जेल पहुंची तो पता चला कि उसे गिरिडीह जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। लिहाजा पुलिस वापस लौट आई।
पुलिस टीम ने फिर से 28 जून को कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट जारी करवाकर गिरिडीह जेल पहुंची तो जेल और स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने अमन के खिलाफ अकेले झारखंड में 90 मामले दर्ज होने का हवाला देते हुए कहा कि इसे यहां से ले जाने की वजह से जांच व कोर्ट में केस का विचारण प्रभावित हो सकती है, लिहाजा वीसी के जरिए पूछताछ कर सकते है।
यह सुनकर फिर से पुलिस टीम खाली हाथ लौट आई। 12 जुलाई को तीसरी बार पुलिस ने अमन को रायपुर लाने कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट जारी कराया। इसके एक दिन बाद ही यानि 13 जुलाई को पीआरए ग्रुप के दफ्तर के बाहर फायरिंग की घटना हो गई।
इससे साफ है कि पुलिस के बढ़ते दवाब को भांपकर जेल में बंद अमन साहू अपने गुर्गों के जरिए लेवी वसूलने टारगेट में लिए छत्तीसगढ़, झारखंड समेत अन्य राज्यों में सड़क निर्माण का ठेका लेने वाले प्रहलाद राय अग्रवाल को मारने के इरादे से नहीं बल्कि डराने के लिए फायरिंग करा दी ताकि आसानी से लेवी मिल सके।
पुलिस अफसर भी स्वीकार कर रहे है कि जिस सुरक्षित तरीके से जेल से अमन साहू अपने गैंग को आपरेट कर रहा है, वह शायद बाहर आने के बाद न कर पाए। अब देखना है कि तीसरी बार रायपुर पुलिस झारखंड से गैंगस्टर अमन को यहां लाकर कोर्ट में पेश कर पाती है या नहीं।
गिरिडीह काराधीक्षक पर हमले की साजिश नाकाम
झारखंड के गिरिडीह जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू पर वहां की काराधीक्षक हिमानी प्रिया पर हमले की साजिश रचने के भी आरोप लगे है। दरअसल जेल के भीतर अमन को वह सुख-सुविधाएं नहीं मिल पा रही थी,जिसकी वह मांग कर रहा था।
काराधीक्षक हिमानी प्रिया ने सख्ती बरती तो उसने अपने गुर्गों से हिमानी प्रिया को इंटरनेट व वाट्सएप काल पर जान से मारने की धमकी दिलवा दी। यहीं नहीं उनके देवघर में रह रहे परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचाने की धमकी भी गुर्गों ने दी थी। मामले में झारखंड की एटीएस से चार आरोपितों को गिरफ्तार भी किया है।