अमेरिका की यूनिवर्सिटीज में फिलिस्तीन के समर्थन में हो रहे प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक देशभर में अब तक 900 छात्रों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस बीच रविवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में छात्रों ने फिलिस्तीनी झंडा फहराया।
यूनिवर्सिटी में जॉन हार्वर्ड के स्टैच्यू के ऊपर जहां अमेरिका का झंडा फहराया जाता है, वहां रविवार को फिलिस्तीनी झंडा दिखा। यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने कहा, "यह हमारी पॉलिसी के खिलाफ है। इसके लिए जिम्मेदार छात्रों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।"
इजराइल समर्थक और विरोधी गुटों में झड़प
वहीं लॉस एंजिल्स की यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैलिफोर्निया में रविवार को फिलिस्तीन और इजराइल समर्थक गुटों में झड़प भी हुई। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, यूनिवर्सिटी में दोनों गुटों को एक-दूसरे से दूर रखने के लिए बैरियर लगाया गया था, जिसे प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया। इस दौरान विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ भी हुई।
विरोध प्रदर्शनों पर रविवार को व्हाइट हाइस के नेशनल सिक्योरिटी प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन को मामले से जुड़े अपडेट्स दिए जा रहे हैं। हालांकि, मामले को संभालने की जिम्मेदारी फिलाहल लोकल प्रशासन पर ही छोड़ी गई है।
विश्वविद्यालय में 'यहूदियों की हत्या करो' के नारे
बोस्टन की नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के कैंप उखाड़ दिए। इस दौरान 100 लोगों को हिरासत में लिया गया। अलजजीरा के मुताबिक यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने बताया कि धरने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'यहूदियों की हत्या करो' के भी नारे लगाए। यह लाइन क्रॉस करने जैसा था और इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अमेरिका की यूनिवर्सिटीज में हो रहे प्रदर्शन कनाडा, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया तक भी पहुंच गए हैं। कनाडा की मेकगिल यूनिवर्सिटी में शनिवार को छात्रों ने गाजा में नरसंहार रोकने की मांग के साथ कैंपिंग की। वहीं सिडनी की यूनिवर्सिटी में टेंट लगे नजर आए।
अमेरिकी यूनिवर्सिटी ने बोइंग कंपनी से गिफ्ट-पैसे न लेने की घोषणा की
कोलंबिया यूनिवर्सिटी से लेकर न्यूयॉर्क युनिवर्सिटी तक फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन करने वाले संगठनों की मांग है कि यूनिवर्सिटीज उन कंपनियों से अलग हो जाएं, जो इजराइल से लाभ कमाती हैं। अब पोर्टलैंड स्टेट यूनिवर्सिटी ने इस मांग को स्वीकार कर लिया है।
यूनिवर्सिटी ने रविवार को बोइंग कंपनी से मिलने वाले गिफ्ट और गांट्स (राशि) न लेने की घोषणा की है। दरअसल, इजराइल की सेना और डिफेंस इंडस्ट्री बोइंग के करीब 9 प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, बोइंग का इजराइल की अर्थव्यवस्था में 29 हजार करोड़ का योगदान है।
क्या छात्रों के प्रदर्शन से कुछ बदलेगा?
अमेरिकी मीडिया हाउस CNN के मुताबिक 1980 के दशक में कोलंबिया यूनिवर्सिटी में काफी प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि विश्वविद्यालय नस्लभेदी साउथ अफ्रीका से संबंध तोड़े। दरअसल, उस वक्त साउथ अफ्रीका में काफी नस्लभेद होता था। अश्वेतों को बुनियादी अधिकार भी नहीं दिए गए थे।
हाल ही में कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने फॉसिल फ्यूल्स और प्राइवेट जेल कंपनियों से डोनेशन लेने पर पाबंदी लगा दी हैं। कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी में सोशियॉलॉजी के प्रोफेसर चार्ली एटॉन के मुताबिक कोलंबिया यूनिर्सिटी चाहे तो बेशक इजराइली कंपनियों से संबंध तोड़ सकती है। अभी तक समानता और न्याय को ध्यान में रखते हुए कई मौकों पर ऐसा किया गया है।
वहीं, अकेडमिक इंगेजमेंट नेटवर्क के मार्क युडोफ का मानना है कि ऐसा करना यहूदी विरोधी होने का संकेत देगा।