अमेरिका में अपोलो 8 मिशन के एस्ट्रोनॉट बिल ऐन्डर्स की शुक्रवार देर रात एक प्लेन क्रैश में मौत हो गई। 90 साल के ऐन्डर्स इंसानों को लेकर चांद की कक्षा में जाने वाले पहले मिशन अपोलो 8 का हिस्सा थे। BBC न्यूज के मुताबिक, शुक्रवार को बिल वॉशिंगटन में अकेले एक छोटा प्लेन उड़ा रहे थे।
यह प्लेन सिएटल के उत्तरी इलाके में स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 11:40 बजे पानी में क्रैश हो गया। इसके बाद सर्च टीम को प्लेन की क्रैश साइट पर एंडर्स का शव मिला। उनके बेटे ग्रेग ने उनकी मौत की पुष्टि की है।
अमेरिका का फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन प्लेन क्रैश की जांच कर रहा है। अमेरिकी एयरफोर्स का हिस्सा रह चुके मेजर एन्डर्स 1968 में कर्नल फ्रैंक बोरमैन और कैप्टन जेम्स लोवेल के साथ अपोलो 8 मिशन के लिए रवाना हुए थे।
बिल एन्डर्स ने चांद के 10 चक्कर लगाए थे
अपने मिशन के दौरान उन्होंने चांद और पृथ्वी की कई तस्वीरें ली थीं। इस मिशन का लक्ष्य अपोलो 11 की तैयारी करना था, जिसमें पहली बार इंसान चांद पर कदम रखने वाला था। 24 दिसंबर 1968 को चांद के 10 चक्कर लगाने के दौरान तीनों एस्ट्रोनॉट्स ने चांद के क्षितिज से ऊपर उठती पृथ्वी की कई तस्वीरें लीं।
वह काले अंतरिक्ष में एक नीले मार्बल की तरह नजर आ रही थी। मेजर एन्डर्स ने इस नजारे की पहली कलर्ड तस्वीर क्लिक की थी। बाद में यह तस्वीर पूरी दुनिया में वायरल हुई और इसे 'अर्थराइज' नाम दिया गया। 1969 में पोस्टेज स्टैम्प पर भी इस तस्वीर को छापा गया था।
अपोलो 11 मिशन में बैकअप पायलट भी थे
अपोलो 8 मिशन के अलावा बिल अपोलो 11 मिशन में भी बैकअप पायलट थे। ये वही मिशन था, जिसके तहत नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने 24 जुलाई 1969 को चांद पर पहला कदम रखा था।
बिल एन्डर्स का जन्म 17 अक्टूबर 1933 को हॉन्गकॉन्ग में हुआ था। उनके पिता चीन की नेवी में काम करते थे। जुलाई 1937 में चीन पर जापान के हमले के बाद बिल अपनी मां के साथ फिलिपींस चले गए। इसके बाद वे अमेरिका चले गए। उन्होंने नेवल एकेडमी से पढ़ाई की।
अपोलो 8 मिशन के बाद एन्डर्स 1969 में नासा और अमेरिकी एयरफोर्स से रिटायर हो गए। इसके बाद उन्होंने अमेरिका के नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस काउंसिल में में एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी का पद संभाला। 1970 के दशक में वे एक साल के लिए नॉर्वे में अमेरिका के राजदूत भी रह चुके हैं।