भोपाल । केन्द्र सरकार द्वारा कोरोना महामारी के कारण जिन बच्चों के माता-पिता, कानूनी या दत्तक माता-पिता, की मृत्यु हो गई है, उन्हें पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना में सहारा दिया जाएगा। इस योजना के लिए प्रदेश की मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना के हितग्राही भी पात्र होंगे। संचालक महिला-बाल विकास रामकुमार भोंसले ने बताया कि योजना में पात्र बच्चों के चिन्हांकन की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जाएगी।
पात्र सभी बच्चों की प्रविष्टि पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। कलेक्टर के सिंगल अकांउट खातों की पोर्टल पर मेपिंग होगी। साथ ही हितग्राहियों के साथ कलेक्टर के पोस्ट ऑफिस में ज्वाइंट अकाउंट खोले जाएंगे। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के लिए सिटिजन लॉगइन से भी सीधे आवेदन को भरा जा सकता है अथवा बाल कल्याण समिति के लॉग इन से भी आवेदन किया जा सकता है। योजना में माता-पिता की कोविड से मृत्यु संबंधी प्रमाण-पत्र होना अनिवार्य नहीं है, किन्तु कलेक्टर द्वारा बच्चे के माता-पिता की मृत्यु कोविड से होने के संबंध में संतुष्टि होने एवं सत्यापन किए जाने पर ही बच्चे को लाभांवित किया जाएगा। कलेक्टर का निर्णय अंतिम होगा। सिटिजन लॉग इन में एक मोबाइल नंबर से अधिकतम 10 आवेदन फीड किए जा सकते हैं। प्रदेश के लगभग 528 प्रकरण सिटिजन लॉग इन पर हैं, जिनमें से 49 को स्वीकृति मिल चुकी है।
योजना में बाल हितग्राही को सहायता
पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना में बाल हितग्राही के 18 वर्ष के होने पर बच्चे के नाम से 10 लाख रुपए के कार्पस का प्रावधान किया गया है। इसी कार्पस से बच्चे को मासिक आर्थिक सहायता दी जाएगी। बाल हितग्राही की आयु 23 वर्ष होने पर उन्हें 10 लाख रुपए दिए जाएंगे। आयुष्मान भारत योजना के बाल हितग्राही को 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जाएगा।
योजना में बाल हितग्राही को 10 वर्ष की आयु तक नजदीकी केन्द्रीय विद्यालय अथवा निजी विद्यालय में गैर-आवासीय विद्यार्थी के रूप में प्रवेशित कर शिक्षा के अधिकार प्रावधानों के अनुरूप फीस केन्द्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी। इसके अलावा उन्हें किताबों, नोट-बुक, यूनिफार्म पर व्यय राशि भी प्रदान की जाएगी। योजना में बाल हितग्राही के 11 से 18 वर्ष आयु समूह में होने पर केन्द्रीय आवासीय विद्यालय जैसे नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल आदि में प्रवेशित किया जाएगा। यदि हितग्राही संयुक्त परिवार में निवासरत है, तो नजदीकी केन्द्रीय विद्यालय या निजी विद्यालय में गैर-आवासीय विद्यार्थी के रूप में प्रवेशित किया जाएगा।