नई दिल्ली। भारतीय महिला टीम के मुख्य कोच रमेश पोवार का अनुबंध आईसीसी विश्व कप अभियान के साथ खत्म हो गया था और बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के नियमों के अनुसार उन्हें फिर से पद के लिए आवेदन करना पड़ेगा।
निराशाजनक विश्व कप अभियान महिलाओं के क्रिकेट में आमूलचूल बदलाव ला सकता है, क्योंकि राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण देश के क्रिकेटरों की अगली पीढ़ी को तैयार करने में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहे हैं।
महिला टीम विश्व कप के सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंची। पोवार ने डब्ल्यूवी रमन की जगह ली थी, जिन्होंने 2020 में टीम को टी20 विश्व कप फाइनल तक पहुंचाया था।
बीसीसीआई के वरिष्ठ सूत्र ने बताया कि पोवार का अनुबंध विश्व कप तक था। अनुबंध बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं है। इसकारण पूरी प्रक्रिया आवेदन भरने और साक्षात्कार से शुरू होगी। पोवार निश्चित रूप से फिर से आवेदन भर सकते हैं और सीएसी (क्रिकेट सलाहकार समिति) संविधान के अनुसार इस पर फैसला लेगी।
टीम के साथ अच्छे प्रदर्शन के बाद रमन को दूसरा कार्यकाल नहीं दिया गया था और पोवार को वापस लाया गया था, जबकि कप्तान मिताली राज और उनके बीच मतभेद जगजाहिर रहे हैं। सूत्र ने कहा, सीएसी फैसला करती है, अगर उन्हें लगा कि रमेश रमन से बेहतर होगा तब यह उनका फैसला था।
बोर्ड हस्तक्षेप नहीं कर सकता।' भारत के न्यूजीलैंड में अभियान के अंत में दो सीनियर खिलाड़ियों के बीच गंभीर मतभेद थे। पोवार ने भी तनाव को कम करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया और यह देखना होगा कि उन्हें फिर से अनुबंध दिया जाता है या नहीं।
पोवार के टीम के साथ दोनों कार्यकाल में, विशेषकर मौजूदा कार्यकाल में भारतीय टीम उनके मार्गदर्शन में हर श्रृंखला में पराजित हुई और फिर अब विश्व कप से भी बाहर हो गयी।
अगले साल अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप खेला जाना है तो बीसीसीआई खिलाड़ियों की अगली पीढ़ी तैयार करना चाहता है जिसमें लक्ष्मण लंबे समय में सफलता के लिये एक ‘मॉडल' तैयार करने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। सबसे बड़ी चिंता अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी की जगह लेने वाले खिलाड़ी को ढूंढने की है।