नई दिल्ली । पंजाब पुलिस की एसआईटी टीम ने सोमवार को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह से 2015 की बेअदबी मामले में सात घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में पूछताछ के दौरान पुलिस महानिरीक्षक एसपीएस परमार के नेतृत्व में पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने जेल में बंद प्रखंड प्रमुख से 100 से अधिक सवाल पूछे।
परमार ने बताया कि पूछताछ सुबह साढ़े दस बजे शुरू हुई और शाम छह बजे तक चली। उन्होंने कहा कि एसआईटी अब इस संबंध में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में 12 नवंबर को एक रिपोर्ट पेश करेगी। बेअदबी मामले में पहली बार डेरा प्रमुख से पूछताछ की गई है। अधिकारियों ने बताया कि परमार और एसआईटी के तीन अन्य सदस्य वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एम एस भुल्लर, पुलिस उपाधीक्षक लखवीर सिंह और निरीक्षक दलबीर सिंह सोमवार सुबह राजपुरा से रोहतक की सुनारिया जेल के लिए रवाना हुए। गुरमीत राम रहीम सिंह वर्तमान में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं। पिछले महीने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब पुलिस से कहा था कि वह 2015 की बेअदबी मामले में डेरा संप्रदाय के प्रमुख से जेल में पूछताछ कर सकती है।
पूछताछ के दौरान राम रहीम के वकील भी मौजूद रहे। मीडियाकर्मियों को इस पूरे घटनाक्रम से दूर रखा गया। हालांकि जेल परिसर में कुछ मीडियाकर्मी पहुंच गए थे लेकिन जेल पुलिस ने उनको बाहर कर दिया। पंजाब पुलिस के काफिले के कारण जेल में आने वाले अन्य मुलाकातियों को रोक दिया गया। जेल पुलिस ने किसी भी मुलाकाती को संबंधित कैदी और बंदी से मिलने नहीं दिया। राम रहीम को प्रोडक्शन वारंट पर लाने के लिए फरीदकोट जेल ने निर्देश जारी किए थे। उन्हें 29 अक्तूबर को पेश होने को कहा गया था। मगर इस पर 28 अक्तूबर को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी और जेल में ही पूछताछ करने की हिदायत दी थी।
मामला एक जुलाई 2015 का है, जब फरीदकोट जिले में बरगाड़ी से 5 किलोमीटर दूर स्थित गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारे से गुरु ग्रंथ साहिब का पावन स्वरूप चोरी हो गया था। 24 सितंबर 2015 को बरगाड़ी में गुरुद्वारे के पास हाथ से लिखे दो पोस्टर लगे मिले थे। इस मामले में राम रहीम को नामजद किया गया था। आरोप है कि पंजाबी भाषा में लिखे इन पोस्टरों में अभद्र भाषा इस्तेमाल की गई और पावन स्वरूपों की चोरी में डेरा सच्चा सौदा का हाथ होने की बात भी लिखी गई। 12 अक्तूबर 2015 को बुर्ज जवाहर सिंह वाला की गलियों में पावन स्वरूप के अंग बिखरे मिले। इसके बाद सिख संगत पर फायरिंग की घटना हुई, जिसमें 2 लोगों की मौत हुई थी।