किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में चल रहे उपद्रव में पाकिस्तान, बांग्लादेश के साथ ही राजस्थान के स्टूडेंट बड़े पैमाने पर फंसे हैं। दौसा, बांसवाड़ा सहित कई जिलों के रहने वाले छात्रों ने अपने परिवार वालों को वीडियो कॉल करके मदद मांगी है। वहां फंसे एक छात्र ने कहा- कॉलेज प्रबंधन ने वीडियो कॉल करने को मना किया है। शाम होते ही लोकल स्टूडेंट्स हमला करने लगते हैं।
महवा (दौसा) विधायक राजेंद्र मीणा से सत्येंद्र फागना ने वीडियो कॉल पर बात की। सत्येंद्र महवा का रहने वाले हैं। वह वहां मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं।
शाम को एकजुट होकर करते है अटैक
किर्गिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे सत्येंद्र फागना ने बताया- वीडियो कॉल पर बात करने से कॉलेज वालों ने मना किया है। अभी स्थिति ठीक है। बाहर मिलिट्री तैनात की गई है। हॉस्टल फिलहाल बाहर से बंद कर दिए गए हैं। हिंसा दिन में नहीं होती है। लोकल स्टूडेंट्स शाम को एकजुट होकर अटैक करते हैं। पहले सबकुछ नॉर्मल था, लेकिन एक-दो दिन से हिंसा ज्यादा बढ़ गई है।
सिगरेट की बात से बढ़ा विवाद
सत्येंद्र बताते हैं- विवाद सिगरेट की बात पर शुरू हुआ। कुछ दिन पहले मिस्र के स्टूडेंट बाहर सिगरेट पी रहे थे। लोकल स्टूडेंट्स ने सिगरेट पीने से मना किया। इसके बाद मिस्र के स्टूडेंट बड़ी संख्या में आए और लोकल स्टूडेंट्स को पीटा। इसके बाद बाहरी छात्रों को लेकर विवाद बढ़ गया, जिससे हालात बिगड़े। अब फोर्स की तैनाती के बाद स्थिति थोड़ी ठीक है। दौसा जिले के करीब 4-5 स्टूडेंट हैं। फिलहाल कॉलेज का नाम नहीं बता सकते हैं। इसके लिए कॉलेज वालों की तरफ से मना किया गया है। घटना के बारे में एसडीएम और महवा विधायक से भी बातचीत हुई है।
विधायक ने छात्रों को दिलाया मदद का भरोसा
विधायक राजेंद्र मीणा ने बताया- महवा क्षेत्र के कई छात्रों के किर्गिस्तान में फंसे होने की जानकारी मिली है। मैंने महवा विधानसभा क्षेत्र के बड़ागांव निवासी सत्येंद्र फागना से बातचीत कर वहां फंसे भारतीय छात्रों के बारे में जानकारी ली।
राजस्थान से भी बड़ी संख्या में जाते हैं स्टूडेंट
एमबीबीएस की पढ़ाई करने राजस्थान के विभिन्न इलाकों से बड़ी संख्या में स्टूडेंट किर्गिस्तान जाते हैं। महवा उपखंड क्षेत्र के बड़ागांव निवासी सत्येंद्र फागना, महवा निवासी आयुष शर्मा, कुतकपुर निवासी राहुल सिंह, खेड़ला निवासी सुनील कुमार भी वहां पर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। इन स्टूडेंट के परिवार वाले चिंतित हैं। इसके अलावा बांसवाड़ा जिले से भी बड़ी संख्या में पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स किर्गिस्तान गए हुए हैं।
बांसवाड़ा जिले के 700 स्टूडेंट कर रहे पढ़ाई
बांसवाड़ा के स्टूडेंट भी किर्गिस्तान में फंसे हैं। वहां भड़की हिंसा से परिजन चिंतित हैं। जिले के करीब 700 स्टूडेंट वहां पढ़ाई कर रहे हैं। दो दिन पहले तक छात्रों से संपर्क हो रहा था, लेकिन अब बात नहीं हो रही है। बताया जा रहा है कि इंडियन एंबेसी ने नोटिफिकेशन जारी कर वीडियो सोशल मीडिया पर न डालने को कहा है।
समाजसेवी प्रगति उपाध्याय ने बताया- कुछ स्टूडेंट्स से बात हुई है। वहां स्थिति कंट्रोल में नहीं है। बच्चे परेशान हैं। एंबेसी उनकी हरसंभव मदद कर रही है। साथ ही यूनिवर्सिटी को भी निर्देश दे दिए हैं कि जो स्टूडेंट शहर में अलग-अलग रह रहे हैं, उन्हें हॉस्टल में रखा जाए और उनके राशन के प्रबंध करें।
चिंता यह है कि हमलावर हॉस्टल और रिहायशी क्षेत्र में भी हमले कर रहे हैं। हालांकि बांसवाड़ा के किसी भी स्टूडेंट पर हमले की कोई सूचना नहीं है। कुछ स्टूडेंट्स छिपकर जैसे-तैसे संपर्क कर रहे हैं। उन्हें मैनेजमेंट ने पहले ही डरा दिया है कि किसी भी तरह से यहां के वीडियो पोस्ट किए या जानकारी लीक की तो डिग्री रोक दी जाएगी।
दो दिन पहले एक स्टूडेंट ने सोशल मीडिया के जरिए मदद की गुहार की थी। इसके बाद स्थानीय मंत्री सांसद और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से विदेश मंत्रालय तक सूचना पहुंचा दी गई है। सरकार से अपील भी की है कि भारतीय स्टूडेंट्स को जल्दी से जल्दी सुरक्षा प्रदान की जाए।
निशाने पर भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेशी स्टूडेंट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिश्केक में 13 मई को मिस्र और किर्गिज छात्रों के बीच झगड़ा हुआ था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर आया। इसके बाद स्थानीय छात्रों ने भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेशी छात्रों को निशाने पर ले लिया। स्थानीय छात्र उनके हॉस्टल में घुस गए, जहां भारतीय, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी छात्र रह रहे थे।
सुरक्षा को देखते हुए हॉस्टल से बाहर निकलने से मना किया
भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश से बड़ी संख्या में छात्र किर्गिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं। किर्गिस्तान की मीडिया वेबसाइट 24.KG के मुताबिक, हिंसा में 29 छात्र घायल हुए हैं। वहां के हालात चिंताजनक हैं। इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने छात्रों को हॉस्टल से बाहर निकलने के लिए मना किया है।
विदेश मंत्रालय ने जारी किया इमरजेंसी नंबर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर ट्वीट कर कहा था कि वे पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय दूतावास ने 24×7 इमरजेंसी नंबर 0555710041 जारी किया है।