कोरबा जिले में भूमिहीन कृषि मजदूरों को राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत लाभ दिलाने के लिए पंजीयन शुरू हो गया है। कोरबा जिले में पिछले 3 दिनों में कुल 1 हजार 601 हितग्राहियों ने भूमिहीन कृषि मजदूर के रूप में पंजीयन के लिए आवेदन किया है। विकासखंड कोरबा से 364, पौड़ी उपरोड़ा विकासखंड से 676, पाली विकासखंड से 150, कटघोरा विकासखंड से 48 एवं विकासखंड करतला से 363 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। शासन की इस जनहितकारी योजना का लाभ लेने के लिए भूमिहीन मजदूर काफी उत्साह के साथ पंजीयन कराने ग्राम पंचायत कार्यालयों में आवेदन प्रस्तुत कर रहे हैं।इस योजना के तहत प्रत्येक भूमिहीन परिवार को 6 हजार रुपये की अनुदान सहायता राशि दी जाएगी। हितग्राही परिवार के चिन्हांकन के लिए पंजीयन का कार्य 1 सितंबर से शुरू हो गया है। राज्य शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए योजना के अंतर्गत पंजीयन 1 सितंबर से 30 नवंबर तक किया जाएगा।
भूमिहीन कृषि मजदूरों के रूप में पंजीयन के लिए हितग्राहियों को आवेदन फार्म ग्राम पंचायत कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा। इस आवेदन फार्म में मुखिया का नाम, गांव का पता, पटवारी हल्का नंबर, सदस्यों का विवरण, बैंक खाता, आधार कार्ड आदि का विवरण दर्ज करना होगा। सभी ग्राम पंचायतों में पंजीयन की प्रक्रिया चल रही है। हितग्राही परिवार को जरूरी दस्तावेज के साथ आवेदन करने के पश्चात पावती भी पंचायत सचिव से प्राप्त होगी। पंचायत सचिवों द्वारा प्राप्त आवेदनों को ग्रामवार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कार्यालय में निर्धारित समय सीमा के भीतर जमा करना होगा। इस कार्यालय के पोर्टल में प्राप्त आवेदनों की इंट्री की जाएगी। ततपश्चात राजस्व अधिकारियों द्वारा भुइयां रिकार्ड के आधार पर इन प्रविष्टियों का परीक्षण किया जाएगा। पोर्टल में प्रदर्शित नियमो के अनुसार जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा पंजीयन की कार्यवाही की जाएगी। भूमिहीन कृषि मजदूर के अंतर्गत जिले के ऐसे व्यक्ति को चिन्हांकित किया जाएगा जिनके पास कोई कृषि भूमि या वन अधिकार पट्टा नहीं है। ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार तथा अन्य वर्ग आएंगे जिनके पास कोई कृषि भूमि ना हो। पंचायत के अधिकारी ने बताया कि योजना के तहत चयनित हितग्राही परिवार के मुखिया को एक या दो किस्तों में छह हजार रुपये की अनुदान सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में डी.बी.टी. के माध्यम से जमा की जाएगी।