नई दिल्ली । कंगारुओं की क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच डैरेन लेहमेन ने बड़ा बयान दिया है और कहे कि वह चाहते थे कि रिकी पोंटिंग टी20 टीम के कोच बनें। साल 2018 में ऑस्ट्रेलियाई टीम के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर हुए सैंडपेपर गेट कांड के बाद देश के क्रिकेट में भूचाल आ गया था। इसके बाद बोर्ड, टीम के अलावा मैनेजमेंट में भी कई बदलाव हुए थे। इसी वजह से पोंटिंग इस जिम्मेदारी से पीछे हट गए।
लेहमेन ने कहा कि मैं अब पीछे देखता हूं तो सोचता हूं कि मैंने ज्यादा समय तक कोचिंग की। मुझे उस कांड के करीब एक साल पहले ही हट जाना चाहिए था। मेरा मानना है कि 4 साल कोचिंग का कार्यकाल काफी होता है, जब आप
साल में घर से बाहर 300 दिन बाहर
बिताते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर भूमिकाएं बटी रहती हैं तो बतौर कोच आप लंबे वक्त तक टीम के साथ जुड़े रह सकते हैं।
बता दें कि पोंटिंग 2017-18 में
लेहमेन के असिस्टेंट कोच के तौर पर ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ न्यूजीलैंड दौरे पर गए थे। तब वो टी20 टीम का
कोच बनना चाहते थे। उन्होंने कहा कि वह उस समय कोच की भूमिका निभाने के लिए काफी उत्सुक थे।
पोंटिंग के कहा कि तब मेरी पैट होवार्ड से बातचीत भी हुई थी। हालांकि, यह चर्चा
उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाई, जहां दोनों
पक्ष संसाधन, कोचिंग से
जुड़े दूसरे पहलुओं को अंतिम रूप दे पाएं। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, मार्च
2018 में दक्षिण अफ्रीका में जो हुआ, उसने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में बहुत कुछ बदल दिया। डैरेन लेहमेन की जगह तीनों फॉर्मेट में जस्टिन लैंगर की कोच के रूप में नियुक्ति हुई, जो उस
समय बिल्कुल सही फैसला था।
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने आगे कहा कि उस घटना के बाद से मेरी जिंदगी काफी बदल चुकी है। आईपीएल मेरी कोचिंग की प्राथमिकता है और यह मेरी मीडिया से जुड़ी जिम्मेदारियों के साथ अच्छी तरह काम कर रहा है। मैं बाकी का समय अपने परिवार के साथ बिताता हूं और निजी जिंदगी के साथ ठीक से संतुलन बैठा पा रहा हूं, जो मैंने
पहले कभी नहीं किया। अभी मुझे राष्ट्रीय भूमिका लेने के लिए काफी समझौते करने पड़ेंगे।
ऐसा करने लिए सही समय नहीं है। पोंटिंग-2018 में दिल्ली कैपिटल्स टीम के हेड कोच बने थे। उनकी कोचिंग में दिल्ली पिछले साल फाइनल खेली थी। वहीं, 2019 में टीम तीसरे स्थान पर रही थी और इस बार टीम प्लेऑफ में पहुंच चुकी है और टीम की इस सफलता की एक बड़ी वजह पोंटिंग भी हैं।