मॉस्को । यूक्रेन के हमले में रूसी सैनिकों और सेना को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में यूक्रेन में मारे गए रूसी सैनिकों के ताजा आंकड़ों को उजागर करने से इनकार कर दिया है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने युद्ध के दौरान मारे गए सैनिकों के परिजनों को मुआवजे के लिए नागरिक प्रशासन के पास न जाने की सलाह दी है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सभी लोग मुआवजे के लिए सीधे सेना के पास अपील करें।
माना जा रहा है कि इस आदेश को यूक्रेन युद्ध के दौरान हुए नुकसान को छिपाने के लिए जारी किया गया है। रूस पहले भी शांतिकाल के दौरान भी हुई सैन्य मौतों को स्टेट सीक्रेट के रूप में क्लासिफाइड करता रहा है। रूस ने यूक्रेन में जारी युद्ध के दौरान भी पिछले एक महीने से अपने सैनिकों के हताहतों की संख्या को अपडेट नहीं किया है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने अपने प्रस्ताव में कहा कि शहीद हुए सैनिकों के परिवारों को मिलने वाले लाभों की निगरानी अब असैन्य अधिकारियों के जरिए नहीं की जाएगी। इस काम को अब रूसी सेना के भर्ती कार्यालय अंजाम देंगे। यह कदम यूक्रेन में मारे गए रूसी सैनिकों की जानकारी को कम के कम लोगों तक सीमित रखने के लिए उठाया गया है। यह प्रस्ताव रूस के एक सरकारी लीगल इंफॉर्मेशन वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।
मंत्रालय ने 25 मार्च को कहा था कि 24 फरवरी को यूक्रेन में शुरू किए गए विशेष सैन्य अभियान के बाद से 1351 रूसी सैनिकों की मौत हुई है। इस दौरान 3825 सैनिक घायल भी हुए हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इसके बाद से रूस ने आज तक यूक्रेन में सैनिकों की मौत को लेकर कोई अपडेट जारी नहीं की है।
हालांकि, रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने महत्वपूर्ण नुकसान होने की बात जरूर स्वीकार की है। वहीं, यूक्रेन और बाकी पश्चिमी देशों का दावा है कि रूसी हताहतों की संख्या इससे कई गुना ज्यादा है। यूक्रेन का दावा है कि अभी तक के युद्ध में रूसी सेना के 20000 से ज्यादा सैनिकों की मौत हुई है, जबकि 50000 से ज्यादा घायल हुए हैं। हालांकि, इन आंकड़ों को लेकर यूक्रेन की तरफ से कोई सबूत पेश नहीं किया गया है। यूक्रेन ने भी अभी तक अपने सैनिकों के मौत की जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया है।