कीव । रूस के कुछ टैंक और सैन्य वाहनों के यूक्रेन सीमा से लौटने के बाद भी दोनों देशों के बीच तनाव बरकरार है। यूक्रेन ने कहा है कि देश के रक्षा मंत्रालय, सैन्य बल और दो सरकारी बैंकों की वेबसाइट एक साइबर हमले का शिकार हुईं जिसकी जड़ें संभवत: रूस से जुड़ी हो सकती हैं।
साइबर हमले की ये खबरें ऐसे समय पर आ रही हैं, जब यूक्रेन की सीमाओं पर भारी रूसी सैन्य बल लगातार अभ्यास कर रहा है और यूक्रेन पर हमले के बादल मंडरा रहे हैं। साइबर हमले में देश की दो सबसे बड़ी बैंकों, ओश्चाडबैंक स्टेट सेविंग बैंक और प्राइवैट को निशाना बनाया गया, जो देश के दो सबसे बड़े वित्तीय संस्थान हैं। हालांकि बाद में दोनों वेबसाइटों की सेवाएं बहाल हो गईं, लेकिन सैन्य वेबसाइटें कई घंटों तक ठप रहीं।
रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर एक एरर मैसेज देखा गया, जिसमें लिखा था- 'अंडरगोइंग टेक्निकल मेंटीनेंस'। इसी तरह का एक एरर मैसेज सैन्य बलों की वेबसाइट पर भी दिखाई दिया। इससे पहले जनवरी में भी हैकरों ने यूक्रेन की दर्जनों वेबसाइटों को निशाना बनाया था। बड़े पैमाने पर हुए साइबर हमलों के बाद यूक्रेन की कई सरकारी वेबसाइट अस्थाई रूप से बंद हो गई थीं। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेग निकोलेंको ने कहा था कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि इस हमले के पीछे कौन है।
उन्होंने कहा तुरंत किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी क्योंकि मामलों की जांच चल रही है, लेकिन यूक्रेन के खिलाफ रूस के साइबर हमले का लंबा इतिहास रहा है। रूस पूर्व में यूक्रेन के खिलाफ साइबर हमलों से इनकार करता रहा है। अधिकारियों के अनुसार, देश की कैबिनेट, सात मंत्रालयों, कोषागार, राष्ट्रीय आपदा सेवा और पासपोर्ट तथा टीकाकरण प्रमाण पत्र संबंधी राज्य सेवा की वेबसाइट हैकिंग की वजह से ठप्प हो गई थीं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस को कड़ी चेतावनी दी है। जो बाइडेन ने साफ कहा है कि वह रूस के साथ टकराव नहीं चाहते हैं, लेकिन अगर रूस के हमले से यूक्रेन में अमेरिकी निशाना बने तो इसका करारा जवाब मिलेगा। बाइडेन ने कहा, हम यूक्रेन पर रूसी हमले का निर्णायक जवाब देने के लिए तैयार हैं। रूसी हमला होने की अभी भी बहुत अधिक संभावना है। हम रूस के साथ सीधे टकराव नहीं चाहते हैं, हालांकि मैं स्पष्ट हूं कि अगर रूस, यूक्रेन में अमेरिकियों को निशाना बनाता है, तो हमें मजबूरन जवाब देना होगा।