सरफराज खान ने इंग्लैंड के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट की दोनों इंनिंग्स में अर्धशतक लगाए। उन्होंने इस दौरान स्पिनरों का शानदार तरीके से सामना किया। यह उनके और उनके पिता नौशाद खान के 15 साल की कड़ी मेहनत का रिजल्ट था। सरफराज ने अपने पिता नौशाद खान की निगरानी में रोजाना नेट्स पर 500 गेंदे खेलीं।
सरफराज ने डेब्यू मैच में स्पिनर्स का सामना आसानी से जरूर किया, लेकिन उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की है। सरफराज के सफलता के पीछे उनके पिता के साथ-साथ भुवनेश्वर कुमार के कोच संजय रस्तोगी, मोहम्मद शमी के कोच बदरुद्दीन शेख, कुलदीप यादव के कोच कपिल देव पांडे, गौतम गंभीर के कोच संजय भारद्वाज और अभिमन्यु ईश्वरन के पिता आरपी ईश्वरन का बड़ा हाथ है।
सरफराज ने रोजाना स्पिनर्स के 500 गेंदों का सामना किया
मुंबई में सरफराज को करीब से देखने वाले एक कोच ने कहा, सरफराज ने मुंबई में आजाद मैदान, क्रॉस और ओवल में ऑफ, लेग और बाएं हाथ के स्पिनर्स के रोजाना 500 गेंदों का सामना किया। कोविड लॉकडाउन के दौरान उन्होंने कार से करीब 1600 किलो मीटर की दूरी तय की। मुंबई से अमरोहा, मुरादाबाद, मेरठ, कानपुर, मथुरा और देहरादून में उन्होंने यात्रा की।
लॉकडाउन के दौरान सरफराज ने कई नेट सेशन कुलदीप के साथ किए
कपिल पांडे ने PTI से कहा, लॉकडाउन के दौरान नौशाद ने मुझे फोन किया क्योंकि हम दोनों आजमगढ़ के हैं और हमने मुंबई में क्लब क्रिकेट खेली है। तब मैं इंडियन नेवी में काम करता था। लॉकडाउन के दौरान सरफराज ने कुलदीप के गेंदों का हमारी कानपुर एकेडमी में काफी सामना किया। दोनों ने कई नेट सेशन एक साथ किए।
उन्होंने आगे कहा, मुंबई की लाल मिट्टी में खेलकर बड़ा हुआ सरफराज का स्पिन के खिलाफ गेम शानदार है और वो अपने फुटवर्क का अच्छी तरह इस्तेमाल करते हैं।
बेटे और पिता दोनों ने कड़ी मेहनत की- शमी के कोच बदरुद्दीन
शमी के कोच बदरुद्दीन ने भी सरफराज को स्पिन में महारत हासिल करने में मदद करने में अपनी भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने कहा, हां मैंने मुरादाबाद में उसके लिए ट्रेनिंग और नेट्स का आयोजन कराया। कोई शक नहीं कि बेटे और पिता दोनों ने कड़ी मेहनत की। मैंने हॉस्टल में उसके रुकने की व्यवस्था की और कुछ मैच खिलाए।