नई दिल्ली: पाकिस्तान के लिए बड़ा ही मुश्किल वक्त है। उसका क्रिकेट बोर्ड हजारों करोड़ खर्च करके चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए स्टेडियम तैयार करवा रहा है, लेकिन अभी भी यह पक्का नहीं है कि भारतीय टीम पाकिस्तान का दौरा करेगी भी या नहीं। अगर भारतीय टीम पाकिस्तान का दौरा नहीं करती है तो इसकी पूरी संभावना है कि एशिया कप की तरह चैंपियंस ट्रॉफी भी हाइब्रिड मॉडल से खेला जाए। अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तान को आर्थिक रूप से काफी नुकसान का सामना करना पड़ेगा।खैर, इस बीच शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के बहाने पाकिस्तान को भारत से क्रिकेट पर बात करने का मौका मिल गया। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर पाकिस्तान दौरे पर गए तो वहां उनसे मिलने के लिए पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी भी आए, जो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। रिपोर्ट की मानें तो उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए अर्जी लगाई है। उन्होंने निवेदन किया कि सरकार भारतीय टीम को पाकिस्तान का दौरा करने की अनुमति दे।
मौका ताड़ते ही एस जयशंकर से की मुलाकात, रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने का किया दावा
इस्लामाबाद में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच दो अलग-अलग मौकों पर अनौपचारिक बातचीत हुई। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्ला तरार ने कहा कि जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा से रिश्तों पर जमी बर्फ पिघली है। रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के आवास पर एससीओ प्रतिनिधियों के लिए आयोजित डिनर के दौरान जयशंकर और डार के बीच एक अलग बैठक हुई।
मोहसिन नकवी का अनुरोध- चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारत भेजे टीम
उन्होंने बताया कि इस बैठक में पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी भी शामिल हुए। वह पीसीबी के अध्यक्ष भी हैं। रिपोर्ट है कि पाकिस्तानी पक्ष ने अगले साल फरवरी में पाकिस्तान की मेजबानी में होने वाले आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की भागीदारी का अनुरोध किया है। मीडिया में तरार के हवाले से कहा गया- न तो हमने और न ही उन्होंने द्विपक्षीय बैठक के लिए अनुरोध किया...लेकिन मेरा मानना है कि उनका (जयशंकर का) यहां आना रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने वाला कदम है।
भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट रिश्ते 2012-13 के बाद से हुए खत्म
क्रिकेट की बात करें तो 2012-13 में दोनों टीमों के बीच आखिरी बार द्विपक्षीय सीरीज खेली गई थी, लेकिन उसके बाद से उनके बीच क्रिकेट के रिश्ते खत्म हो गए थे। इसके पीछे पाकिस्तान की ओर से सीमा पर लगातार आतंकी गतिविधियों में शामिल होना रहा है। इसके अलावा कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को सह देने को लेकर दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।
भारत क्यों पाकिस्तान से क्रिकेट रिश्ते खत्म करने पर हुआ मजबूर?
पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में फरवरी 2019 में भारत के युद्धक विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया। पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा में एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए मई 2023 में भारत आए थे। यह लगभग 12 वर्षों में पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा थी।
आखिर क्यों पाकिस्तान है परेशान?
दरअसल, अगर भारतीय टीम पाकिस्तान का दौरा नहीं करती है तो उसे अरबों का आर्थिक घाटा हो सकता है। उसके स्पॉन्सर, क्रिकेट फैंस हर कीमत पर चाहते हैं कि टीम इंडिया पाकिस्तान आए। मौजूदा दौर में पाकिस्तान में कितना भी बड़ा मैच हो क्रिकेट स्टेडियम खाली ही रहता है। पीएसएल की हालत खराब रही तो इंटरनेशनल किक्रेट भी संघर्ष रहा है। एशिया कप के दौरान खाली स्टेडियमों ने उसे अपनी औकात दिखा दी थी। वह किसी भी हालत में अब दोबारा उस स्थिति को फेस नहीं करना चाहता है।
इंग्लैंड ने दे डाली चेतावनी, भारत के बिना चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट हित में नहींदूसरी ओर, भारतीय टीम 27 साल बाद पाकिस्तान की यात्रा करेगी या नहीं इसक पता नहीं है, लेकिन इस बीच इंग्लैंड बोर्ड की ओर से जो बयान आया है वह पाकिस्तान की धड़कने बढ़ाने वाला है। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के मुख्य कार्यकारी एवं अध्यक्ष रिचर्ड गोल्ड और रिचर्ड थॉम्पसन ने कहा कि अगर भारत पाकिस्तान की यात्रा नहीं करता है तो 'कई अलग-अलग विकल्प होंगे', जिसमें हाइब्रिड मॉडल के इस्तेमाल की संभावना बढ़ गई है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की भागीदारी के बिना चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट के हित में नहीं होगा।