इस्लामाबाद । पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पीएम मोदी को पत्र लिखकर अपने देश में ही फंसते दिख रहे हैं। पीएम मोदी को लिखे पत्र में शहबाज शरीफ ने लिखा कि दोनों देशों की शांति और विकास के लिए जम्मू-कश्मीर और अन्य विवादित मुद्दों का समाधान होना चाहिए।
पत्र के लहजे को लेकर पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक और भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रह चुके अब्दुल बासित ने शहबाज शरीफ पर निशाना साधकर कहा है कि ये बहुत कमजोर प्रतिक्रिया है। दरअसल, शाहबाज शरीफ ने ये पत्र रविवार को पीएम मोदी के बधाई के जवाब में लिखा। पीएम मोदी ने शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने पर ट्विटर के जरिए बधाई दी थी।
शरीफ के मोदी को लिखे पत्र पर निशाना साधकर अब्दुल बासित ने अपने ट्वीट में लिखा, 'यह एक कमजोर प्रतिक्रिया है। कश्मीर कोई मुद्दा नहीं बल्कि विवाद है। पीएम मोदी ने अपने बधाई संदेश में आतंकवाद का जिक्र किया था लेकिन कश्मीर में भारत के राज्य पोषित आतंकवाद का क्या?
और कमांडर कुलभूषण जाधव का क्या? पाकिस्तान को इस तरह क्षमा-याचना की जरूरत नहीं। बासित के ट्वीट के जवाब में यूजर ने पूछा कि, तब फिर क्या पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को अपनी पहली ही बातचीत में भारत के साथ युद्ध को घोषणा कर देना चाहिए थी? जवाब में अब्दुल बासित ने कहा, मेरे कहने का मतलब बस ये था कि भारत को और बेहतर ढंग से जवाब दिया जा सकता था।
एक अन्य यूजर ने पीएम मोदी की बधाई संदेश ट्वीट करते हुए लिखा, 'असल बात तब यही है। भारतीय प्रधानमंत्री का बधाई संदेश स्पष्ट रूप से पाकिस्तान के प्रति उनकी सरकार की मंशा को दर्शाता है, लेकिन हमारी सरकार हमेशा क्षमाप्रार्थी रही है। दूसरे यूजर ने लिखा,तब आप इस सरकार से उम्मीद क्या करते हैं?
ये लुटेरे हैं और आप इनसे कूटनीति की उम्मीद रखते हैं। ये लोग किसी भी कीमत पर मोदी और अमेरिका को खुश रखने वाले हैं। आप इमरान खान की आलोचना किया करते थे,लेकिन अब आप शहबाज से उम्मीदें रखकर अपना वक्त बर्बाद कर रहे हैं। यूजर ने लिखा, 'पाकिस्तान का पहला औपचारिक समर्पण- एक बहुत ही कमजोर प्रतिक्रिया।
ये प्रतिक्रिया न केवल कश्मीर के मुद्दे को कमजोर करती है,बल्कि भारत के 5 अगस्त के एकतरफा कदम के बाद पाक के अथक प्रयासों पर भी पानी फेर देती है।इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि इस तरह की प्रतिक्रिया शरीफ परिवार की तरफ से आ रही है, बेहद दुख की बात है।