उनके गीतों ने छठ पूजा की रौनक को खूब बढ़ाया
शारदा ने न केवल मैथिली, बल्कि भोजपुरी, मगही और हिंदी संगीत में भी अपनी आवाज का जादू बिखेरा। इलाहाबाद में आयोजित बसंत महोत्सव में शारदा ने अपने गायन से सभी को मंत्रमुग्ध किया और प्रयाग संगीत समिति ने उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें मंच पर प्रदर्शन करने का अवसर दिया। साल 2016 में, शारदा सिन्हा ने 'सुपवा ना मिले माई' और 'पहिले पहिल छठी मैया' जैसे दो नए छठ गीतों को रिलीज किया। इन गीतों ने छठ पूजा की पारंपरिक महत्ता को एक बार फिर लोगों के दिलों में जिंदा कर दिया और इस धार्मिक पर्व की भावना को न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश में फैलाया। शारदा सिन्हा का संगीत छठ पूजा के गीतों में विशेष रूप से अनोखा महत्व रखता है, और उनकी आवाज ने इस धार्मिक अवसर को और भी गहरा बना दिया।