लंदन: दुनिया में त्वचा कैंसर संबंधी पहले टीका परीक्षण में इस सप्ताह ब्रिटेन में पहले मरीज को शामिल किया गया। संबंधित परीक्षण त्वचा कैंसर की पुनरावृत्ति रोकने पर केंद्रित है। एमआरएनए आधारित प्रौद्योगिकी उन लोगों के लिए है जिन्हें पहले ही हो चुके कैंसर के सबसे गंभीर प्रकार मेलेनोमा को हटा दिया गया है। यह प्रौद्योगिकी कोविड रोधी कुछ टीकों में इस्तेमाल की गई प्रौद्योगिकी की तरह है। परीक्षण में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन हॉस्पिटल्स (यूसीएलएच) के डॉक्टर संबंधित टीके का इस्तेमाल अन्य दवा पेम्ब्रोलिज़ुमैब या कीट्रूडा के साथ कर रहे हैं जो कैंसर कोशिकाओं को मारने में प्रतिरक्षा प्रणाली की मदद करती है।
परीक्षण में शामिल होने के लिए तैयार होने वाले पहले रोगियों में से एक पूर्वी इंग्लैंड के हर्टफोर्डशायर निवासी 52 वर्षीय ब्रिटिश संगीतकार स्टीव यंग हैं। उन्हें दूसरे चरण का मेलेनोमा कैंसर था जिसे हटा दिया गया था। यंग ने कहा, “मैं इस चिकित्सीय परीक्षण का हिस्सा बनकर भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। बेशक, जब मुझे त्वचा कैंसर का पता चला तो मैं खुद को इतना भाग्यशाली महसूस नहीं कर रहा था। वास्तव में, यह काफी सदमे जैसा था, लेकिन अब जब मैंने इलाज करा लिया है, तो मैं यह सुनिश्चित करने के लिए उत्सुक हूं कि यह दोबारा न हो। कैंसर को उसके मूल स्वरूप में ही रोकने का यह मेरे लिए सबसे अच्छा मौका है।’’
शुरुआती परीक्षणों में दिखा सकारात्मक असर
इस टीके को मॉडर्ना और एमएसडी ने विकसित किया है और इसे मरीज के लिए कुछ ही हफ्तों में बनाया जा सकता है। मेट्रो की रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआती परीक्षणों में मेलेनोमा के दोहराव में उल्लेखनीय कमी देखी गई। वैक्सीन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने और नष्ट करने का निर्देश देकर काम करती है।
यह टीका यूएसएलएच की निगरानी में अंतिम चरण के परीक्षणों से गुजर रहा है, जिसमें फेफड़े, मूत्राशय और गुर्दे के कैंसर के खिलाफ भी प्रभावी होने की क्षमता है। शोधकर्ता अब उम्मीद कर रहे हैं कि ब्रिटेन में कई जगहों पर चल रहा तीसरे चरण का अध्ययन पहले के परीक्षण के निष्कर्षों की पुष्टि करेगा। चरण 3 के परीक्षण में दुनिया भर में लगभग 1,089 रोगियों को शामिल किया जाएगा।