दुबई । अगले माह होने वाले टी20 विश्व कप में सबसे ज्यादा दक्षिण अफ्रीकी कोच नजर आयेंगे। टी20 विश्व कप की 16 टीमों में से सात के कोच दक्षिण अफ्रीका से हैं जबकि तीन ऑस्ट्रेलियाई हैं। ऐसे में भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री के लिए भारतीय टीम को आईसीसी खिताब जिताना आसान नहीं होगा। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज मार्क बाउचर अपनी राष्ट्रीय टीम के कोच हैं। लांस क्लूजनर अफगानिस्तान के, रसेल डॉमिंगो बांग्लादेश के, ग्राहम फोर्ड आयरलैंड के, पियर डी ब्रुएन नामीबिया के, शेन बर्गर स्कॉटलैंड के और मिकी आर्थर श्रीलंका के कोच हैं। वहीं पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर मैथ्यू हेडन को टीम का मुख्य कोच बनाया है। हेडन के अलावा जस्टियन लैंगर ऑस्ट्रेलिया के जबकि रियान कैंम्प्बेल नीदरलैंड्स के कोच हैं। इंग्लैंड के कोच इंग्लैंड के ही क्रिस सिल्वरवुड, न्यूजीलैंड के कोच न्यूजीलैंड के ही गैरी स्टेड, ओमान के कोच श्रीलंका के दिलीप मेंडिस, पापुआ न्यू गिनी के कोच इटली के कार्ल सेंड्री और वेस्टइंडीज के कोच वेस्टइंडीज के ही फिल सिमंस हैं।पाकिस्तान टीम कोच हेडन के पास कोचिंग का अनुभव नहीं है। जिसका नुकसान पाक टीम को उठाना पड़ सकता है।
वहीं भारतीय टीम के कोच शास्त्री के पास अच्छा खासा अनुभव है। वह साल 2017 से ही टीम इंडिया के साथ जुड़े हुए हैं. इससे पहले वे 2015-16 में भी टीम के साथ काम कर चुके हैं। शास्त्री की कोचिंग में टीम ने विदेशों में अच्छा प्रदर्शन किया है। वेस्टइंडीज के कोच सिमंस की उनकी कोचिंग में वेस्टइंडीज की टीम 2016 में टी20 विश्व कप का खिताब जीती है। उनके पास 17 साल के कोचिंग करियर का लंबा अनुभव है। वही इंग्लैंड के कोच क्रिस सिल्वरवुड की बात करें तो वे 2010 से कोचिंग कर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के आर्थर के पास भी लंबा कोचिंग अनुभव है. वे 2003 से लगातार इससे जुड़े रहे हैं. वे श्रीलंका के अलावा ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान टीम के साथ भी काम कर चुके हैं।